स्वामी विवेकानंद- विजेन्द्र वर्मा
(दोहा छंद)
स्वामी जी के गुण धरे,जिनगी बड़ सुख पाय।
ज्ञान जोत हा जब जले,दुख हा भागे जाय।।
भाईचारा बाँट लव,भेद करव ना कोय।
मनखे मनखे एक हो,इही बीज सब बोय।।
हठधर्मी अब मत करव,आज मान लव बात।
खून खराबा ले सदा,मनखे खाथे मात।।
कटुता का अब नाश हो,गढ़े नवा सब राह।
एक लक्ष्य सब के रहय,रखौ यहीं सब चाह।।
मानवता जग मा रहय,मिले नेक ये सीख।
खुशी रहै मनखे सबो,माँगे ना जी भीख।।
विजेन्द्र वर्मा
नगरगाँव(धरसीवाँ)
जिला-रायपुर
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