माता सरस्वती(अमृतध्वनि छंद)
मन के अँधियारी मिटा,करके ज्ञान अँजोर।
जय हो माता सरस्वती,पइँया लागँव तोर।।
पइँया लागँव, तोर चरन के,मँय गुन गावँव।
दे अशीष ला,मइया जिनगी,सफल बनावँव।।
तोर आसरा,शब्द रचत हँव,साधक बन के।
इच्छा पूरन, करबे मइया, मोरो मन के।।
बोधन राम निषादराज
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