लावणी छंद-धनेश्वरी सोनी गुल
मात पिता के सेवा करलौ, सुख धन सब खुशियाँ पावव।
खुशी होय के देखय जग हा, भगवान बरोबर जानव।
दाई ददा दुःख झन पावय, झन गढ़ही गोड़ म काँटा।
बदला झन लेवव ककरो गा, झन मारव मन ले चाँटा।
सोंच समझ के जीवन जीयव, सेवा करे कसम खावव।
मात पिता..।।।.।.।...........
मातु चरण घर मा जे परथे, खुशियाँ आथे बड़ सारा।
पिये दूध के कर्जा उतरै ,मान बढा़वव सब प्यारा।
राम नाम लेके मन घर मा, सबझन मुस्कान खिलावव।
मात पिता..........
मात पिता के छइहाँ बइठव, मिलही सब ज्ञान दुबारा।
नेक काम करके दिखलावव ,मात पिता सुख पहुँचावव।
सुख के गठरी हीरा मोती, मया घोर रस बरसावव।
*धनेश्वरी सोनी गुल*✍️📚
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