Followers

Sunday, December 5, 2021

कुण्डलिया छंद--मनोज कुमार वर्मा

 कुण्डलिया छंद--मनोज कुमार वर्मा


विषय-- बेटी


बेटी बनके भाग शुभ, आथे अॅंगना द्वार।

बेटी बिन बिरथा हवै, शून्य सही संसार।।

शून्य सही संसार, मोल खइता हो जाथे।

बेटी पाछू जोड़, मान ये अपन बढ़ाथे।।

रहिथे घर संस्कार, सुघर बड़ एकर सेती।

राखै नइ जे मान, कहॉं वो पाही बेटी।।


बेटी हर मॉं बाप के, रहिथे बनके सॉंस।

दू कुल तारनहार ये, टोरे जिगनी फॉंस।।

टोरे जिगनी फॉंस, राज यम ले लड़ जाथे।

ब्रह्मा शंकर विष्णु, पूत धर धरम बचाथे।।

जनक अवध हल संग, मान नित पाथे खेती।

सात समुन्दर पार, तोर गुन गाथे बेटी।।


मनोज कुमार वर्मा

बरदा लवन बलौदा बाजार

1 comment: