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Sunday, December 5, 2021

कुण्डलिया छंद-- मनोज कुमार वर्मा

 कुण्डलिया छंद-- मनोज कुमार वर्मा


विषय-- किसान


बेचव बोरा लान के, कहत हवै सरकार।

मरना बड़े किसान के, खुश हे साहूकार।।

खुश हे साहूकार, बेच ईमान धरम ला।

किन्नी जूंहा जोंख, बने हे छोड़ शरम ला।।

शेशा करे किसान, लहू ला चुहकत कोरा।

लबरा के फरमान, बेचना हे ला बोरा।।


लबरा हे सरकार ता, काय करन उम्मीद।

निरलज बने विपक्ष हर, भॉंजत हावै नीद।।

भॉंजत हावै नीद, काम जन हित नइ जाने।

सगा चोर के चोर, कहावत सत हे माने।।

का पाबे तॅंय मान, कमावत होगे कबरा।

सवा हाथ के नाक, नीच हे कुर्सी लबरा।।  



मनोज कुमार वर्मा

बरदा लवन बलौदा बाजार

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