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Saturday, December 4, 2021

हे भगवान!!!* (जयकरी छंद)

 *हे भगवान!!!*

(जयकरी छंद)


बेमौसम होगे बरसात।

हे किसान बर जब्बर घात।

खेत लुवाये हाबय धान।

देखत नइ अस का भगवान।


हलधरिया हाबय बक्खाय।

माथा ठोंकत कइथे हाय।

मूँड़ म वोकर गिरगे गाज।

हाबय झपटे दुर्दिन बाज।


मुँह के कौंरा हवै छिनाय।

नींद तको रतिहा नइ आय।

चिंता के धर ले हे रोग।

घबरावत हें लइका लोग।


धरे जरी करियाही धान।

कटवा कीरा लेही प्रान।

बदली घपटे सुरुज लुकाय।

कइसे गिल्ला खेत सुखाय।


चौपट होगे खेती खार।

प्रभुजी बिपती झटकुन टार।

करे आसरा हाबन तोर।

अइसन झन सबके मन टोर।


चोवा राम वर्मा 'बादल'

हथबंद, छत्तीसगढ़

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