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Thursday, December 12, 2019

*सार छंद : - हमर जुन्ना चिन्हारी*



*सार छंद : - हमर जुन्ना चिन्हारी*

देखव संगी आज जमाना , कइसन हावय आगे ।
नवा चलागन के आये ले , जम्मो जिनिस नँदागे ।।

गाँव गली बस्ती सब सुन्ना , शहरी करन समागे ।
छोड़ गाँव के देशी भोजन , पीजा मन ला भागे ।।

हमर गाँव के भौरा बाँटी , गिल्ली घलव गँवागे ।
रंग रंग के रहय खिलौना , सुध सबके बिसरागे ।।

करव गोठ खेती बाड़ी के , रोवय धनहा डोली ।
हमर राज मा परता पड़गे , मोर मयारू बोली ।।

धान चना अउ तिवरा संगी , होवय बड़ ओन्हारी ।
नरवा गरवा घुरवा बारी , रहिस हमर चिन्हारी ।।

किसम किसम के भाजी पाला , सरसो चेच अमारी ।
पालक मेथी पटवा भाजी , सुरता आथे भारी ।।

दाई के जाँता हर भइया , देखव कहाँ लुकागे ।
ढेंकी बहना सबो भुलागे , मिल मसीन सब आगे ।।

चाउँर के जी चीला रोटी , संगी कोन बनाथे ।
अड़सा पुड़ी संग सोंहारी , हवय कोन अब खाथे ।।

रॉपा रपली कुदरा नाँगर  , बइला संग तुतारी ।
बिधना बसला संग पटासी , हमर गँवागे आरी ।।

बटकी मा बासी अउ चटनी , आज कोन जी खाही ।
बोली भाखा धनहा डोली , मान कहा ले पाही ।।

जतन करव जी मिलके संगी , आवय हमर चिन्हारी ।
भाखा महतारी हर पावय , मान आय हे पारी ।।

              रचनाकार - मयारू मोहन कुमार निषाद
             गाँव - लमती , भाटापारा , बलौदाबाजार

30 comments:

  1. अति सुग्घर भाई,सच मा आज धीरे धीरे सब नँदावत जात हे👌👍👏💐💐बधाई हो भाई💐

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  2. अति सुन्दर भाई जी । बधाई हो

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद प्रणम्य राज भइया गो 🙏🙏

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  3. बहुत बढ़िया रचना भैया ।

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  4. अति सुन्दर रचना भाईजी

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय ज्ञानु भइया जी 🙏🙏

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  5. अति सुन्दर रचना भाईजी

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  6. बहुत सुंदर वाह्ह वाह्ह मयारू भैया जी,,,,, गाँव गली हर धोखा से गाँव लगी लिखा गे हे काय भैया।।।

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    1. गाँव ये गली ये भइया धन्यवाद गो उमाकांत भइया 🙏🙏

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  7. बहुत सुन्दर मयारू भाई

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  8. हार्दिक बधाई मोहन भाई

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  9. बहुते बढिया रचना भइया जी, लाजवाब सादर बधाई

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  10. वाह वाह लाजवाब सृजन। हार्दिक बधाई

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    1. सादर हृदय से आभार प्रणम्य "बादल" भइया जी 🙏🙏

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  11. लाजवाब सृजन भाई, एक ले सेक छंद हे... बहुत बधाई

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    1. सादर आभार संग धन्यवाद गो चन्द्राकर भइया 🙏🙏

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय सनमीत भइया 🙏🙏

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  13. बहुत सुघ्घर सृजन हे भाई

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद प्रणम्य दीदी जी 🙏🙏

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