छन्न पकैया छंद :- राजेश कुमार निषाद
छन्न पकैया छन्न पकैया,आगे तीजा पोरा।
झटकुन चलना तैंहर बहिनी, सुनले वो मनटोरा।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,बहिनी मन के पोरा।
आथे भइया हमरो कहिके,करथे अबड़ अगोरा।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,मया पिरित ला बाँधे।
किसम किसम के रोटी मैं हा,लाने हांवव राँधे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,नाँदा बइला लाहूँ।
भाँचा भाँची संगे जाही, बइठे मैं खेलाहूँ।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, रखले जोरन जोरे।
लाने हांवव तीजा लुगरा,सुनले बहिनी मोरे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,कपड़ा नाँवा लेंहा।
भाँचा भाँची बर हे सब हा,सुनले बहिनी तेंहा।
छन्न पकैया छन्न पकैया, सबके सुरता आथे।
धरके पोरा सबो सखी मन,पटके बर सब जाथे।।
रचनाकार :- राजेश कुमार निषाद
ग्राम चपरीद पोस्ट समोदा
तहसील आरंग जिला रायपुर छत्तीसगढ़
बढ़िया राजेश जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाई जी
ReplyDeleteअब्बड़ सुग्घर भावपूर्ण रचना भइया बधाई
ReplyDeleteसुग्घर रचना भाईजी
ReplyDeleteसुग्घर रचना भाईजी
ReplyDeleteबधाई हो भाई👍💐💐
ReplyDeleteतीजा पोरा के बड़ सुग्घर वर्णन मितान बधाई हो
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