चौपाई छंद गीत-श्रीमती आशा आजाद
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
बाबा भीमराव के बानी,राहिन उनमन अब्बड़ ज्ञानी।
जात पात ला सबझन तोड़ौ,मानवता ले नाता जोड़ौ।
मनखे मनखे एक हवे जी,रक्त सबो मा एक बहे जी।
बड़ा कठिन रद्दा मा जाके,मनखे खुश अधिकार ल पाके।
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
आज अबड़ खुश हावै नारी,कलयुग मा होगे हे भारी।
नारी मन हा आज खिले हे,बाबा ले सत्कार मिले हे।।
मत डाले के मान दिलाके,चल दिन जुरमिल रहौ सिखाके।
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
आज महामानव के दर्जा,आज चुकाना हमला कर्जा।
शिक्षा ला पहिली अपनावौ,अंतस मन मा जोत जलावौ।
भेदभाव ला सबो मिटाके,समता ला हिरदे बैठाके।
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
छंदकार-श्रीमती आशा आजाद
पता-मानिकपुर कोरबा छत्तीसगढ़
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
बाबा भीमराव के बानी,राहिन उनमन अब्बड़ ज्ञानी।
जात पात ला सबझन तोड़ौ,मानवता ले नाता जोड़ौ।
मनखे मनखे एक हवे जी,रक्त सबो मा एक बहे जी।
बड़ा कठिन रद्दा मा जाके,मनखे खुश अधिकार ल पाके।
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
आज अबड़ खुश हावै नारी,कलयुग मा होगे हे भारी।
नारी मन हा आज खिले हे,बाबा ले सत्कार मिले हे।।
मत डाले के मान दिलाके,चल दिन जुरमिल रहौ सिखाके।
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
आज महामानव के दर्जा,आज चुकाना हमला कर्जा।
शिक्षा ला पहिली अपनावौ,अंतस मन मा जोत जलावौ।
भेदभाव ला सबो मिटाके,समता ला हिरदे बैठाके।
समता के नित पाठ पढ़ाके,चल दिन सत मारग देखाके।।
छंदकार-श्रीमती आशा आजाद
पता-मानिकपुर कोरबा छत्तीसगढ़
सुग्घर संदेशपरक रचना
ReplyDeleteवाह दीदी बेहतरीन
ReplyDeleteवाह्ह्हह वाह्हह दीदी
ReplyDeleteवाह्ह्हह वाह्हह दीदी
ReplyDeleteआपमन के आशीर्वाद हे गुरुदेव,सादर नमन🙏
ReplyDeleteबहुत सुघ्घर र चौपाई हे बहन।
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दीदी जी बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद भाई🙏
Deleteधन्यवाद भाई🙏
ReplyDeleteधन्यवाददीदी जी🙏
ReplyDeleteबड़ सुग्घर सृजन, बधाई
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