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Tuesday, December 31, 2019

छन्न पकैया छंद-अशोक धीवर जलक्षत्री

छन्न पकैया छंद - अशोक धीवर "जलक्षत्री"

विद्यार्थी-
छन्न पकैया छन्न पकैया,पढ़ लिख बनहूँ हीरो।
गुंडा मन ला मार गिराहूँ, बना दुहूँ गा जीरो।।
कवि-
छन्न पकैया छन्न पकैया, हीरो बन का करबे।
फौजी बन जा सेवा करबे, देश धरम बर मरबे।।
विद्यार्थी-
छन्न पकैया छन्न पकैया, का मिलही बन फौजी।
होय कदर नइ सैनिक मन के, जनता हे मनमौजी।।
कवि-
छन्न पकैया छन्न पकैया, सही कहत हच तँयहा।
काश देश के जनता समझे, सोचते हावँव मँयहा।।
विद्यार्थी-
छन्न पकैया छन्न पकैया, किरकेटर मन छागे।
कतको फौजी शहीद होगे, ओकर नाव भुलागे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, हीरो सब कुछ पाथे।
पइसा पाथे नाम कमाथे, गीत दिखावा गाथे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, फौजी ल कोन पूछे।
जेकर खातिर प्रान गँवाथे, वो पूछे ना गूछे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, श्रीदेवी हा मरगे।
लाय लपेटे ध्वज तिरंगा, का करनी वो करगे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, कतको सैनिक मरथे।
दाना बर परिवार ह तरसे, ओकर बर का करथे।।
कवि-
छन्न पकैया छन्न पकैया, "जलक्षत्री" हा रोथे।
छोड़ देश के रक्षा करना, नेता मंत्री सोथे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया, कोन करँय जी रक्षा।
देश भक्ति के पाठ पढ़ावत, कोन चलावय कक्षा।।

छंदकार - अशोक धीवर "जलक्षत्री"
तुलसी (तिल्दा नेवरा)
जिला- रायपुर (छत्तीसगढ़)

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