रोला छंद -केवरा यदु मीरा
कोरोना कब जाय, रोज मँय बिनती करथँव ।
संझा बिहना रोज, पाँव म़य ओकर परथँव।।
मोर देश ला छोड़, हाय तँय अनते जाना।
मच गे हाहाकार, अरे तँय झन रोवाना।।
पानी
पानी ये संसार, बचाबो संगी पानी।
मचही हाहाकार, तरसही सब जिनगानी ।।
करहू झन बरबाद, बात ला मोरो मानव।
देहू बने धियान, मिले तब पानी जानव।।
बनिहार
बोझा लादे मूड़, देख बनिहारिन आवय।
तड़पत भूख पियास,गला हर घात सुखावय।।
लइका लादे खाँध,भोंभरा चट चट जरगे।
उगले सूरज आग, पाँव मा फोरा परगे।।
छोड़े हावँव गाँव, आज मँय आवत हावँव।
नइ जावँव अब छोड़, गजब के मँय पछतावँव।।
मात पिता के पाँव, रोज अब माथ नवाहूँ ।
खावँव किरिया आज, खेत मा धान उगाहूँ।।
मात पिता भगवान, चरण मा माथ नवाबो।
घर मा चारो धाम, कहाँ हम खोजे जाबो।
झन करहू अपमान, कभू झन आँसू देहू।
देके मीठ जुबान, मात के आशिष लेहू।।
गर्मी
गरमी लेत परान ,घरे मा खुसरे रहिहू।
मारत झाँझ झपाट, पीर ला झन तुम सहिहू।।
निकलव जब हे काम,मूड़ मा बाँधो पटका।
धर लो जेब पियाज, लगे झन लू के झटका।।
छंदकार
केवरा यदु "मीरा "
राजिम
कोरोना कब जाय, रोज मँय बिनती करथँव ।
संझा बिहना रोज, पाँव म़य ओकर परथँव।।
मोर देश ला छोड़, हाय तँय अनते जाना।
मच गे हाहाकार, अरे तँय झन रोवाना।।
पानी
पानी ये संसार, बचाबो संगी पानी।
मचही हाहाकार, तरसही सब जिनगानी ।।
करहू झन बरबाद, बात ला मोरो मानव।
देहू बने धियान, मिले तब पानी जानव।।
बनिहार
बोझा लादे मूड़, देख बनिहारिन आवय।
तड़पत भूख पियास,गला हर घात सुखावय।।
लइका लादे खाँध,भोंभरा चट चट जरगे।
उगले सूरज आग, पाँव मा फोरा परगे।।
छोड़े हावँव गाँव, आज मँय आवत हावँव।
नइ जावँव अब छोड़, गजब के मँय पछतावँव।।
मात पिता के पाँव, रोज अब माथ नवाहूँ ।
खावँव किरिया आज, खेत मा धान उगाहूँ।।
मात पिता भगवान, चरण मा माथ नवाबो।
घर मा चारो धाम, कहाँ हम खोजे जाबो।
झन करहू अपमान, कभू झन आँसू देहू।
देके मीठ जुबान, मात के आशिष लेहू।।
गर्मी
गरमी लेत परान ,घरे मा खुसरे रहिहू।
मारत झाँझ झपाट, पीर ला झन तुम सहिहू।।
निकलव जब हे काम,मूड़ मा बाँधो पटका।
धर लो जेब पियाज, लगे झन लू के झटका।।
छंदकार
केवरा यदु "मीरा "
राजिम
बेरा बखत सुग्घर रोला दीदी
ReplyDeleteवाह्ह वाह अब्बड़ सुग्घर भावपूर्ण रोला छंद दीदी बधाई 🙏🙏
ReplyDeleteबड़ सुग्घर रोला छंद गुरू दीदी
ReplyDeleteगज़ब सुग्घर दीदी
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दीदी जी
ReplyDeleteघात सुघ्घर रोला छंद। सादर बधाई आपला
ReplyDeleteबहुत सुंदर छंद रचे हव दीदी बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत ही सराहनीय सृजन ।
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