कुण्डलिया छंद- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
मीडिया-
बने बिकाऊ मीडिया, झूठ लिखे अखबार ।
मूक बधिर जनता बने, अंधभक्त दरबार ।।
अंधभक्त दरबार, जपे बस राम कहानी ।
सत्य बात ला छोड़, झूठ के साथ मितानी ।।
रखथे घटिया सोंच, सिर्फ धन चीज कमाऊ ।
जेब धरे सरकार, मीडिया बने बिकाऊ ।।
नेता-
नेता देखव आज के, झूठा अउ मक्कार ।
वोट बैंक खातिर करे, वादा रोज हजार ।।
वादा रोज हजार, करे ना पर ओ पूरा ।
पाँच साल गे बीत, काम हा रहे अधूरा ।।
नेता बन भगवान, दिये दर्शन जुग त्रेता ।
जनता घलो महान, चुने घनचक्कर नेता ।।
जातिवाद-
दिखथे अब भी देश मा, जातिवाद के रोग ।
मानवता ला तोड़थे, कोंन हवय वो लोग ।।
कोंन हवय वो लोग, जाति खुद समझे बड़का ।
रंग लहू के एक, भेद के हे फिर जड़ का ।।
गजानंद कर जोर, छंद समता बर लिखथे ।
कुंठित सोंच विचार, देश मा अब भी दिखथे ।।
छंदकार- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
बिलासपुर ( छतीसगढ़ )
मीडिया-
बने बिकाऊ मीडिया, झूठ लिखे अखबार ।
मूक बधिर जनता बने, अंधभक्त दरबार ।।
अंधभक्त दरबार, जपे बस राम कहानी ।
सत्य बात ला छोड़, झूठ के साथ मितानी ।।
रखथे घटिया सोंच, सिर्फ धन चीज कमाऊ ।
जेब धरे सरकार, मीडिया बने बिकाऊ ।।
नेता-
नेता देखव आज के, झूठा अउ मक्कार ।
वोट बैंक खातिर करे, वादा रोज हजार ।।
वादा रोज हजार, करे ना पर ओ पूरा ।
पाँच साल गे बीत, काम हा रहे अधूरा ।।
नेता बन भगवान, दिये दर्शन जुग त्रेता ।
जनता घलो महान, चुने घनचक्कर नेता ।।
जातिवाद-
दिखथे अब भी देश मा, जातिवाद के रोग ।
मानवता ला तोड़थे, कोंन हवय वो लोग ।।
कोंन हवय वो लोग, जाति खुद समझे बड़का ।
रंग लहू के एक, भेद के हे फिर जड़ का ।।
गजानंद कर जोर, छंद समता बर लिखथे ।
कुंठित सोंच विचार, देश मा अब भी दिखथे ।।
छंदकार- इंजी. गजानंद पात्रे "सत्यबोध"
बिलासपुर ( छतीसगढ़ )
गज़ब सुग्घर गुरुजी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सृजन भाई
ReplyDeleteसुन्दर सृजन सर जी
ReplyDeleteसटीक व सुग्घर छंद सर जी
ReplyDeleteउम्दा सृजन गुरुदेव 🙏🌹🙏
ReplyDeleteअति सुग्घर सर
Deleteराजस्थान विश्वविद्यालय Re-admission of online form will start after 18.06.2020 from 2: 0 pm
ReplyDeleteAny student will have to keep the re-admission form, bank challan copy, and other documents with them. After applying for re-admission, hard copies of these documents will not be submitted to the concerned college or university right now.
वाह वाह लाजवाब सृजन बहुत बधाई आपको
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