Followers

Thursday, August 6, 2020

गीतिका छंद -गीत(सुरेश पैगवार)


    गीतिका छंद -गीत(सुरेश पैगवार)

जाग रे तैं आज दानी,     जाग बेटा जाग रे,
भाग जगही आज हमरो,जाग राजा जाग रे!

पाँव माढ़ै एक भुइयाँ,   एक मा आगास धर
एक कर दुख पीर हरबे,एक मा उपकार कर
हाथ सेवा मा सदा हो, मन लगा सत्कर्म मा
माथ मा पागा रहै अउ,शीश नत हो धर्म मा, 

दाग कउनो झन लगै अब,बेसुरा झन बाज रे
जाग रे तैं जाग दानी,    राख बेटा लाज रे।।

रात दिन सोवै इहाँ जे, हाथ मल रहि जाय रे
काम मा जे मन लगा वै,     तेन सोंचे पाय रे
राज ला तैं जान बेटा,   आज मन ला मार रे
हे समें के माँग बेटा,      छोड़ दे तैं खार रे, 

जाग रे तैं जाग दानी,    राख बेटा लाज रे।
लेख विधि के छोड़ दे तैं,कर्म लेखा साज रे।।

                      *सुरेश पैगवार* 
                               जाँजगीर

4 comments:

  1. सादर धन्यवाद
    छंद खजाना ब्लॉग स्पॉट डॉट कॉम का
    और आप सभी इसके संचालनगण का
    बहुत बहुत धन्यवाद

    ReplyDelete
  2. शानदार गीतिका छंद भाई...
    बहुत बहुत बधाई आपला...
    👌👌👍👍👏🌹🌹🌹

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर भैया जी बहुत-बहुत बधाई शानदार💐💐💐👌👌👌💐👌💐

    ReplyDelete
  4. गीतिका छंद में बहुत बढ़िया रचना...
    बहुत बहुत बधाई पैगवार जी

    ReplyDelete