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Monday, August 10, 2020

छप्पय छंद : - गोधन न्याय योजना


छप्पय छंद : - गोधन न्याय योजना 

आज हमर सरकार , योजना सुग्घर लाये ।
पहिली बेर किसान , आज हावय मुस्काये ।।
गाँव  गली  मा रोज ,  शोर  होवत  हे  भारी ।
छत्तीसगढ़ म आज , मगन हावय नर नारी ।। 
देखव गोधन योजना ,  लाये  हे सरकार हा ।
गोबर ला अब बेच के , दाम पाय परिवार हा ।।

सुग्घर कदम उठाय , सबो के मन ला भागे ।
जय होवय सरकार , योजना  सुग्घर आगे ।।
नरवा  गरवा  संग ,  हमर घुरवा  अउ बारी ।
हावय  संगी  देख , आज  गा  ये  चिन्हारी ।।
सबके हित मा आज ये , हो  हे सुग्घर काम हा ।
लइका  संग  सियान के , मुँह मा हावय नाम हा ।।

गोबर के अब देख , सबे खातू जी बनही ।
लेवत हे  सरकार , हमर छाती हा तनही ।।
जैविक खातू डार , खेत सुग्घर हरियाही ।
धनहा डोली संग , सबो परिया मुस्काही ।।
गोबर  खातू  मा हमर , होथे  सुग्घर  धान हा ।
छोड़ रसायन खाद ला , बढ़ही सुग्घर मान हा ।।

रचनाकार - मयारू मोहन कुमार निषाद 
                  गाँव - लमती , भाटापारा ,
                जिला - बलौदाबाजार (छ.ग.)

3 comments:

  1. बहुत सुग्घर सर जी

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  2. बढ़िया सामयिक विषय बहुत बहुत बधाई

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  3. सुग्घर रचना मोहन भाई

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