छप्पय छंद : - गोधन न्याय योजना
आज हमर सरकार , योजना सुग्घर लाये ।
पहिली बेर किसान , आज हावय मुस्काये ।।
गाँव गली मा रोज , शोर होवत हे भारी ।
छत्तीसगढ़ म आज , मगन हावय नर नारी ।।
देखव गोधन योजना , लाये हे सरकार हा ।
गोबर ला अब बेच के , दाम पाय परिवार हा ।।
सुग्घर कदम उठाय , सबो के मन ला भागे ।
जय होवय सरकार , योजना सुग्घर आगे ।।
नरवा गरवा संग , हमर घुरवा अउ बारी ।
हावय संगी देख , आज गा ये चिन्हारी ।।
सबके हित मा आज ये , हो हे सुग्घर काम हा ।
लइका संग सियान के , मुँह मा हावय नाम हा ।।
गोबर के अब देख , सबे खातू जी बनही ।
लेवत हे सरकार , हमर छाती हा तनही ।।
जैविक खातू डार , खेत सुग्घर हरियाही ।
धनहा डोली संग , सबो परिया मुस्काही ।।
गोबर खातू मा हमर , होथे सुग्घर धान हा ।
छोड़ रसायन खाद ला , बढ़ही सुग्घर मान हा ।।
रचनाकार - मयारू मोहन कुमार निषाद
गाँव - लमती , भाटापारा ,
जिला - बलौदाबाजार (छ.ग.)
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Monday, August 10, 2020
छप्पय छंद : - गोधन न्याय योजना
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बहुत सुग्घर सर जी
ReplyDeleteबढ़िया सामयिक विषय बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteसुग्घर रचना मोहन भाई
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