अमृतध्वनि छन्द-राम कुमार चन्द्रवंशी
शीर्षक-राखव सुम्मत बाँध
कपट छोड़ के तुम सदा,राखव सुम्मत बाँध।
बनही जम्मो काम हर,चलव जोड़ के खाँध।
चलव जोड़ के,खाँध जगत मा,प्रेम बढ़ावौ।
जस तुम पाहू,नाँव कमाहू,जग ल सिखावौ।
एक बनव जी,नेक करव जी,मया जोड़ के।
देश बचावौ, धरम निभावौ,कपट छोड़ के।।
राखव सुम्मत बाँध के,जस डोंगा पतवार।
सुम्मत आघू हारथे,नदिया के जलधार।।
नदिया के जल,धार हारथे,सन्तन कहिथे।
सुनता मा बल,मुश्किल के हल,हरदम रहिथे।
सुख नित मिलथे,हिरदे खिलथे,त्यागव बिम्मत।
घर हर बनथे,देश सँवरथे,राखव सुम्मत।।
छन्दकार-राम कुमार चन्द्रवंशी
ग्राम+पोष्ट-बेलरगोंदी
जिला-राजनांदगाँव
छत्तीसगढ़
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Sunday, August 30, 2020
अमृतध्वनि छन्द-राम कुमार चन्द्रवंशी
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गज़ब सुग्घर सर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सर जी
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