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Tuesday, September 1, 2020

अमृत ध्वनि छन्द-नेमेन्द्र कुमार गजेन्द्र

 अमृतध्वनि छन्द-नेमेन्द्र कुमार गजेन्द्र
शीर्षक-मेहनत के फल

जीना हे जब शान से,जांगर थोरिक तोड़।
आलस ला सब छोड़ के,नता करम ले जोड़।।
नता करम ले,जोड़ गोठ ये,ज्ञानी कहिगे।
करम करे जे,धरम मान वो,जग मा लहिगे।
मुसकुल होवय,मेहनत कतरो,कस ले सीना।।
शान मान से,ये दुनिया मा,जब हे जीना।।

मेहनत कर लव शान से,आलस हे बेकार।
मेहनत के पतवार ले,होवय बेड़ा पार।।
होवय बेड़ा,पार करे जे,रोज काम हे।
घाम जाड़ अउ,सावन मा जे,घसे चाम हे।।
सिरजन के ये,हवन कुंड मन,स्वाह देय दव।
नाम दाम ला,पाना हावय,मेहनत कर लव।।

पावय जीवन नेक वो,रोज करे जे काम।
खटिया टोरे का मिले,झन कर बड़ आराम।।
झन कर जी आराम पड़े झन, भारी रोना।।
तन मन बर हे,काल असन ये,भारी सोना।।
काम धाम जे,रोज करे वो,सुख मा गावय।।
तन मन चंगा,सुग्घर मंगल,जीवन पावय।।

छंदकार-नेमेन्द्र कुमार गजेन्द्र
हल्दी-गुंडरदेही,जिला-बालोद
मोबाइल न.8225912350

8 comments:

  1. सुग्घर छंदबद्ध सृजन।हार्दिक बधाई।

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  2. सुग्घर छंदबद्ध सृजन।हार्दिक बधाई।

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  3. मेहनत के महत्व ल उजागर करत मनखे ल जाँगर तोर मेहनत करे बर प्रेरणा देवत आपके अमृत ध्वनि छन्द बहुत सुग्घर हे।

    बढ़िया विषय चयन अउ शब्द संयोजन बर आपला बहुत बहुत बधाई हो। आपके कलम नित नवाँ ऊँचाई प्राप्त करता। कलम के धार सदैव अन्याय अउ अतयाचार ऊपर तलवार सहीं चलत रहय।

    💐मथुरा प्रसाद वर्मा

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  4. बहुत सुन्दर सर जी

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  5. मेहनत करलव
    ८ मात्रा होना रिहिस ९ हावय सुधार करव धियान देवव
    जय श्री राम

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