रोला छन्द - श्री कन्हैया साहू "अमित"
किसान -
धनहा डोली खार,संग मा गाङ़ी बइला।
नाँगर जाँगर जोर,अन्न तैं देथच सबला।।
जगहित साधे काज,सबो के जीवन दाता।
बरुवा सिधवा पूत,तोर हे धरती माता ।।
टेटका -
मनखे बदले रंग,असल ला तोपे ढ़ाँके।
परके देखे दोस,अपन मा नइ तो झाँके।।
कथनी करना आन,दुसर ला पाठ पढ़ाथे।
अइसन दुनिया ढ़ंग,टेटका घलो लजाथे ।।
सुरता -
बढ़िया बीते आज,काल सुरता बन जाही।
करबो हित के काज,समे कब लहुरा आही।।
मानुस तन ला पाय,कभू झिन बिरथा पारव।
मन के संसो टार,मया के थरहा डारव।।
रचनाकार - कन्हैया साहू "अमित"
भाटापारा, छत्तीसगढ़
किसान -
धनहा डोली खार,संग मा गाङ़ी बइला।
नाँगर जाँगर जोर,अन्न तैं देथच सबला।।
जगहित साधे काज,सबो के जीवन दाता।
बरुवा सिधवा पूत,तोर हे धरती माता ।।
टेटका -
मनखे बदले रंग,असल ला तोपे ढ़ाँके।
परके देखे दोस,अपन मा नइ तो झाँके।।
कथनी करना आन,दुसर ला पाठ पढ़ाथे।
अइसन दुनिया ढ़ंग,टेटका घलो लजाथे ।।
सुरता -
बढ़िया बीते आज,काल सुरता बन जाही।
करबो हित के काज,समे कब लहुरा आही।।
मानुस तन ला पाय,कभू झिन बिरथा पारव।
मन के संसो टार,मया के थरहा डारव।।
रचनाकार - कन्हैया साहू "अमित"
भाटापारा, छत्तीसगढ़
बहुँत सुघ्घर रोला बधाई हो अमित भईया जी
ReplyDeleteबहुँत सुघ्घर रोला बधाई हो अमित भईया जी
ReplyDeleteवाह अमित जी बढिया ।
ReplyDeleteवाह अमित जी बढिया ।
ReplyDeleteवाह्ह्ह्ह्ह् अमित भाई सुग्घर रोला ,बधाई
ReplyDeleteआप सबो ला अंतस ले अभार।
ReplyDeleteगुरुदेव के बारंबार पयलगी इँखर किरपा ले ए सब संभव होय हे।
बहुत बढ़िया भैया
ReplyDeleteवाह्ह् बड़ सुग्घर संदेश हे आपके रोला छंद म अमित सर जी बहुत बधाई
ReplyDeleteवाहःहः अमित भाई सुघ्घर छंद
ReplyDeleteबड़ सुघ्घर रोला छंद अमित जी।।
ReplyDeleteबड़ सुघ्घर रोला छंद अमित जी।।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया दोहा अमित भाई
ReplyDeleteबहुत सुग्घर रोला छंद सर।सादर बधाई
ReplyDeleteबहुत सुग्घर रोला छंद सर।सादर बधाई
ReplyDeleteबहुत सुग्घर रोला छंद हे,अमित भैया। बधाई।
ReplyDeleteकन्हैया जी ,बहुँत सुग्घर रोला सिरजाय हव।बधाई।
ReplyDeleteअमित भैया बहुत बढ़िया
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