दुर्मिल सवैया छंद - श्रीमती वसंती वर्मा
(1)
बिहना उठके अब धान लुये बर जावत हे पकलू कमिया ।
पटकू गमछा कुरता करिया पहिरे पनही धरके हसिया ।
धरसा तिर रेंगत जावत वोहर गावत गीत लगे बढ़िया ।
टुकनी चरिहा धर काँवर मा पकलू पहुँचे बहरा सुतिया।
(2)
कचरा झन फेंकव खोल गली घर के मुँहटा अब तो मनसे।
मन के कचरा अब साफ करो हरि नाम जपो सबरी जइसे।
कचरा कस फेंक बुरा अबके कर काम बने जग में अइसे।
जिनगी अनमोल सकेल मया अउ बाँट मया मनुआ सबसे।
रचनाकार - श्रीमती वसंती वर्मा
बिलासपुर, छत्तीसगढ़
(1)
बिहना उठके अब धान लुये बर जावत हे पकलू कमिया ।
पटकू गमछा कुरता करिया पहिरे पनही धरके हसिया ।
धरसा तिर रेंगत जावत वोहर गावत गीत लगे बढ़िया ।
टुकनी चरिहा धर काँवर मा पकलू पहुँचे बहरा सुतिया।
(2)
कचरा झन फेंकव खोल गली घर के मुँहटा अब तो मनसे।
मन के कचरा अब साफ करो हरि नाम जपो सबरी जइसे।
कचरा कस फेंक बुरा अबके कर काम बने जग में अइसे।
जिनगी अनमोल सकेल मया अउ बाँट मया मनुआ सबसे।
रचनाकार - श्रीमती वसंती वर्मा
बिलासपुर, छत्तीसगढ़
वाह्ह्ह्ह्ह् दीदी सुग्घर सवैया
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
ReplyDeleteसुघ्घर सवैया छंद ल अपन ब्लाग म स्थान देहे बर निगम जी ल अउ लिखईया वसन्ती वर्मा ल बधाई।
ReplyDeleteसुघ्घर सवैया छंद ल अपन ब्लाग म स्थान देहे बर निगम जी ल अउ लिखईया वसन्ती वर्मा ल बधाई।
ReplyDeleteसुघ्घर सवैया छंद ल अपन ब्लाग म स्थान देहे बर निगम जी ल अउ लिखईया वसन्ती वर्मा ल बधाई।
ReplyDeleteविनोद! 😊
Deleteसुघ्घर सवैया छंद ल अपन ब्लाग म स्थान देहे बर निगम जी ल अउ लिखईया वसन्ती वर्मा ल बधाई।
ReplyDeleteसुग्घर भाव धरे बड़ सुग्घर सवैया हे दीदी।बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुघ्घर सवैया छंद दीदी जी
ReplyDeleteबहुत सुघ्घर सवैया छंद दीदी जी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सवैया दीदी !!बधाई।।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सवैया दीदी !!बधाई।।
ReplyDeleteजुरमिल सबझन दुर्मिल गावव
ReplyDeleteजुरमिल सबझन दुर्मिल गावव
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दुर्मिल सवैया छंद के सृजन दीदी।सादर बधाई
ReplyDeleteबहुत सुग्घर दुर्मिल सवैया छंद के सृजन दीदी।सादर बधाई
ReplyDeleteवाह्ह वाह्ह बसन्ती वर्मा जी।शानदार दुर्मिल सवैया बर हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteमत्तगयंद मृदुल मदिरा सँग दुर्मिल छंद सिखोये।
ReplyDeleteबंदत हौं गुरुवर भैया गो सुंदर कड़ी पिरोये।।
दीदी वासंती के रचना पढ़के ओकर भाई।
लामै उंखर जस के डोरी कहिके देत बधाई।।
वासंती दीदी ल नंगत बधाई उंखर सुंदर रचना बर...
गुरुवर भैया निगम अउ दीदी ल प्रणाम करत..
__/\__ __/\__👏👏👏👏
बहुत सुग्घर दुर्मिल सवैया दीदी। बधाई अउ शुभकामना।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया सृजन दीदी
ReplyDeleteवसंती दीदी बहुँत सुघ्घर
ReplyDeleteवसंती दीदी बहुँत सुघ्घर
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