आल्हा छंद - श्री चोवाराम वर्मा:
*वीर शिवाजी महिमा*
पइयाँ लागँव गणपति गुरु के,हाथ
जोर के माथ नवाँय ।
बिनती सुन लौ सारद माता, भूले बिसरे देहु
बताय।।1
जस ला वीर शिवा के गावँव,महिमा जेकर अगम
अपार।
क्षत्रिय कुल में जनम धरे तैं, कुर्मी
जाति कहय संसार।।2
किला बखानँव शिवनेरी के,जनम लिए सोला सौ
तीस।
नाम शिवाजी दाई राखे, शिव भोला के पाय
असीस।।3
माता धरमिन जीजाबाई , पिता शाह जी
सूबेदार।
कोणदेव गुरु के किरपा ले, सीखे
तैं भाला तलवार |।4
हितवा बर तो अब्बड़ सिधवा, बैरी
बर तो सँउहे काल।
परम भक्त माता तुलजा के,जय हो भारत माँ
के लाल।5
धरम करम ले पक्का हिन्दू, हिन्दू
के पाये संस्कार।
गऊ माता के रक्षा खातिर, जुद्ध करे तैं
कतको बार।।6
बालकपन में करे लड़ाई, बैरी मन ला दे
ललकार।
कब्जा करे किला मा कतको,लड़े लड़ाई छापा
मार।।7
बीजापुर के राजा बैरी, नाम कहावै आदिल
शाह।
तोर भुजा ला तउलत मरगे, फेर कभू नइ पाइस
थाह।।8
समझौता के नाम बला के,लेहे खातिर तोरे
जान।
घात लगाये धरे कटारी,कपटी पापी अफजल
खान।।9
दाँव ह ओकर उल्टा परगे,समझ गए तैँ
तुरते चाल।
बाघ नखा मा ओला भोंगे,यमराजा कस बनके
काल।।10
सेना देखे जी मालव के, सबो मुगलिया बड़
घबराय।
जइसे बघवा के तो छेंके,ठाढ़े हिरना
प्रान गँवाय।।11
अइसे फुरती जइसे चीता,भुजा म ताकत
बज्र समान।
रूप दिखय जस पांडव अरजुन,धरे हाथ मा तीर
कमान।।12
औरँगजेब बला के दिल्ली, पकड़ जेल मा देइस
डार।
फल के टुकनी मा छुप निकले,गम
नइ पाइन पहरेदार।।13
दसों दिसा मा डंका बाजय, धजा मराठा के
लहराय।
कतका महिमा तोर सुनावँव, मोरो मति हा पुर
नइ पाय।।14
जय जय जय जय वीर शिवाजी,निस दिन तोर
करँव गुनगान।
जय होवय भारत माता के, जेकर बेटा तोर
समान।।15
रचनाकार - श्री चोवाराम वर्मा "बादल"
ग्राम - हथबंध , छत्तीसगढ़
अद्वितीय अनुपम अनमोल सृजन बादल सर।बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteबहुत सुग्घर आल्हा छंद में वीर शिवाजी के गुनगान सर।सादर बधाई
ReplyDeleteशिवाजी के महिमा अउ ओखर वीरता के आल्हा छंद म सुघ्घर गुनगान चोवाराम भाई आप ल बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबधाई भैया जी।।
ReplyDeleteबधाई भैया जी।।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर आल्हा छंद भइया
ReplyDeleteवाहःहः भैया जी अति सुघ्घर आल्हा छंद
ReplyDeleteबधाई हो
वीर शिवाजी महाराज के महिमा ला बखान करत लाजवाब विधान सम्मत आल्हा छंद,गुरुदेव बादल जी।बधाई ।नमन।
ReplyDeleteबादल भैया जबरदस्त आल्हा छंद।
ReplyDeleteबधाई।
सुघ्घर रोला छंद ,बधाई भैया।आपके लेखनी हमेशा अइसनेच सतत चलत रहे।
ReplyDeleteसुघ्घर रोला छंद ,बधाई भैया।आपके लेखनी हमेशा अइसनेच सतत चलत रहे।
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