मत्तगयंद(मालती)सवैया - श्री मोहन लाल वर्मा
(1)
वीर सपूत उही असली,घबराय नहीं जे परान गँवाये।
जूझय वो रण मा पहिली,जब संकट के बदरी बड़ छाये।
जोश भरे रखथें तन मा,बइरी सब मार के मान बढ़ाये ।
भारत माँ के बने हितवा,झट कारज छोड़ के दौड़त जाये।
(2)
संगत चक्कर मा पड़के झन,तैं करबे बिरथा जिनगानी ।
राम भजे जग सार हवे,कहिथें पुरखा गुरु पंडित ज्ञानी।
काबर गा बरबाद समे कर,मारत हावस रोज फुटानी।
मूँड़ ठठावत तैं रहिबे बस,बीत जही जब तोर जवानी।
रचनाकार - श्री मोहन लाल वर्मा
ग्राम अल्दा, पोस्ट - तुलसी मानपुर, तहसील - तिल्दा, जिला -रायपुर, छत्तीसगढ़
(1)
वीर सपूत उही असली,घबराय नहीं जे परान गँवाये।
जूझय वो रण मा पहिली,जब संकट के बदरी बड़ छाये।
जोश भरे रखथें तन मा,बइरी सब मार के मान बढ़ाये ।
भारत माँ के बने हितवा,झट कारज छोड़ के दौड़त जाये।
(2)
संगत चक्कर मा पड़के झन,तैं करबे बिरथा जिनगानी ।
राम भजे जग सार हवे,कहिथें पुरखा गुरु पंडित ज्ञानी।
काबर गा बरबाद समे कर,मारत हावस रोज फुटानी।
मूँड़ ठठावत तैं रहिबे बस,बीत जही जब तोर जवानी।
रचनाकार - श्री मोहन लाल वर्मा
ग्राम अल्दा, पोस्ट - तुलसी मानपुर, तहसील - तिल्दा, जिला -रायपुर, छत्तीसगढ़
बधाई मोहन जी बने राम भजो ।मालती छंद सुग्घर।बधाई
ReplyDeleteआभार गुरुदेव वर्मा जी।
Deleteबहुत बहुत बधाई हे वर्मा जी मालती सवैया रचे बर।
ReplyDeleteधन्यवाद अमित भैया
Deleteबहुत सुग्घर रचना सर।सादर बधाई
ReplyDeleteसादर आभार ज्ञानुभैया।
Deleteदेश प्रेम अउ भगवान ऊपर आस रखे के सुंदर रचना भाई....
ReplyDeleteसादर.....
आभार गुरुदेव गुप्ताजी।
Deleteप्रणम्य गुरुदेव निगम जी अउ आप सबो के आशीर्वादअउ मार्गदर्शन ले लिखे मत्तगयंद (मालती)सवैया ला छंद खजाना मा स्थान मिलिस अउ आप सबो के प्रोत्साहन अउ आशीष पाके मोर रचना सार्थक होगे।
ReplyDeleteआप सबो ला सादर नमन अउ आभार।
बहुतेच सुग्घर रचना मोहन भैया।बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद अहिलेश्वर भैया।
Deleteवाह मोहन भैया शानदार, सवैया
ReplyDeleteआभार ,भैया जी।
Deleteवाह्ह्ह्ह्ह् भइया सुग्घर सवैया
ReplyDeleteबहुत बहुतधन्यवाद दुर्गाशंकरभैया जी।
Deleteवीर रस के शानदार बानगी।बधाई मोहन लाल जी।
ReplyDeleteआप सबो केआशीर्वाद अउ मार्गदर्शन के प्रतिफल आय गुरुदेवबादल जी ।सादर प्रणाम।आभार।
Deleteआप सबो के आशीर्वादअउ मार्गदर्शन के प्रतिफल आय ,गुरुदेव बादल जी ।सादरप्रणाम।आभार।
Deleteबहुँत बढ़िया भईया जी
ReplyDeleteधन्यवादभैया जी।
Deleteसुघ्घर मालती छंद। बधाई भैया
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद अउ आभार दीदी।
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद अउ आभार दीदी।
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद अउ आभार दीदी।
Deleteसुघ्घर मालती छंद। बधाई भैया
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद अउ आभार दीदी।
Deleteवाह ! भइया जी मजा आगिस
ReplyDeleteबहुत बढ़िया भैया जी
ReplyDelete