मत्तगयन्द सवैया - श्रीमती रश्मि गुप्ता
देखय रूप ल मोहन के जब, बाल सखा पुलकै अति भारी।
गोप गुवालिन देखय नाचय, मोहय मोहन जावय वारी।
फूल बरोबर हाथ सखी मुख, सुंदर आखिन हे कजरारी।
सूरज चाँद लगे नख पाँव के, मोह लिये सब देव मुरारी।
रचनाकार - श्रीमती रश्मि गुप्ता
बिलासपुर, छत्तीसगढ़
देखय रूप ल मोहन के जब, बाल सखा पुलकै अति भारी।
गोप गुवालिन देखय नाचय, मोहय मोहन जावय वारी।
फूल बरोबर हाथ सखी मुख, सुंदर आखिन हे कजरारी।
सूरज चाँद लगे नख पाँव के, मोह लिये सब देव मुरारी।
रचनाकार - श्रीमती रश्मि गुप्ता
बिलासपुर, छत्तीसगढ़
बहुतेच बढ़िया मत्तगयन्द सवैया दीदी जी। बहुत बहुत बधाई हे।
ReplyDeleteधन्यवाद अमित भाई
Deleteवाह्ह वाह्ह्ह्। बाल कृष्ण के मनमोहक रूप के मत्तगयन्द सवैया मा लाजवाब चित्रण।
ReplyDeleteरश्मि गुप्ता जी ला हार्दिक बधाई।
धन्यवाद बादल भैया
Deleteबहुँत सुंदर सवैया दीदी जी
ReplyDeleteधन्यवाद भाई
Deleteबहुँत सुंदर सवैया दीदी जी
ReplyDeleteवाह दीदी कृष्ण बाल रूप के सुग्घर वर्णन
ReplyDeleteधन्यवाद भाई
Deleteबहुत सुघ्घर सवैया हे रश्मि बहन
ReplyDeleteबधाई हो
धन्यवाद आशा दीदी
Deleteवाह्ह दीदी सुन्दर सवैया
ReplyDeleteधन्यवाद सुखदेव भाई
Deleteबढिया सवैया लिखे हस, रश्मि !
ReplyDeleteधन्यवाद दीदी जी
Deleteबहुत सुग्घर रचना दीदी।सादर बधाई
ReplyDeleteबहुत सुग्घर रचना दीदी।सादर बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद ज्ञानू भाई
Deleteबहुत सुघ्घर रचना रश्मि बहिनी बधाई
ReplyDeleteबहुत सुघ्घर रचना रश्मि बहिनी बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद वासंती दीदी
Deleteबहुत सुग्घर मत्तगयंद सवैया,रश्मि दीदी। बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद मोहन भाई
Deleteसुग्घर सवैया बहन बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद अजय भाई
Deleteबड़ सुग्घर सवैया। बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद दिलीप भैया
Deleteएक से बढ़के एक...वाह वाह वाह...
ReplyDeleteमजा आगे हमर रश्मि बहिनी के रचना पढ़के..
गाड़ा गाड़ा बधाई बहिनी...
धन्यवाद सूर्यकान्त भैया
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