श्री मोहनलाल वर्मा के दोहा
छंद खजाना के संकलन मा सुधार बर दोहा----
(1)
मोहन हाबय नाँव गा,रहिथँव अल्दा गाँव।
हे किसान मोरे ददा,बड़का बेटा आँव ।।
(2)
रइपुर तिल्दा छोर मा,हाबय अल्दा गाँव।
जनमभूमि परिचय बने,मोहन वर्मा नाँव ।।
(3)
हरियर हरियर खेत मा,धरे मया के तान।
बादर ठोंकय ढोल ला,पवन करय गुणगान ।।
(4)
बाँटा बाँटा मा तको,खेती कमती होय ।
मनखे होगे कोढ़िया,धरती मइयाँ रोय ।।
(5)
जिहाँ सुमत के पाग हे,सरग उहाँ बन जाय।
जेकर अँगना हे मया,उहाँ राम जी आय ।।
(6)
फैशन के जुग मा लगे,नशा पान के रोग ।
घुरवा जिनगी ला करँय,मदिरा पी के लोग ।।
(7)
कलजुग विष दारू बने, जिनगी बिरथा होय।
तन धन कुछु बाँचय नहीं,मूँड़ धरे तब रोय ।।
(8)
कुसुम अमारी चेंच हे,पटवा अउ बोहार ।
सरसो भाजी निक लगे,चिटिक मही ला डार ।।
(9)
बथुवा भाजी खार के,खाय नहीं पछताय ।
द्रोपति भइया कृष्ण ला,भाजी म हे बनाय ।।
(10)
कांदा भाजी राँध तँय , सुक्खा बोइर डार ।
नून डार कमती सहीं, होवय झन सक्खार ।।
(11)
तिवरा भाजी राँध तँय, भाँटा मा फदकाय।
मिर्चा चटनी पीस दे,मोहन मन ललचाय । ।
(12)
अमली के कुरमा घलो,रहिथे अमसुर स्वाद।
राँध गोंदली संग मा ,होवय झन बरबाद ।।
रचनाकार - मोहनलाल वर्मा
ग्राम अल्दा, पोस्ट - तुलसी मानपुर, तहसील - तिल्दा, जिला -रायपुर
छत्तीसगढ़
छंद खजाना के संकलन मा सुधार बर दोहा----
(1)
मोहन हाबय नाँव गा,रहिथँव अल्दा गाँव।
हे किसान मोरे ददा,बड़का बेटा आँव ।।
(2)
रइपुर तिल्दा छोर मा,हाबय अल्दा गाँव।
जनमभूमि परिचय बने,मोहन वर्मा नाँव ।।
(3)
हरियर हरियर खेत मा,धरे मया के तान।
बादर ठोंकय ढोल ला,पवन करय गुणगान ।।
(4)
बाँटा बाँटा मा तको,खेती कमती होय ।
मनखे होगे कोढ़िया,धरती मइयाँ रोय ।।
(5)
जिहाँ सुमत के पाग हे,सरग उहाँ बन जाय।
जेकर अँगना हे मया,उहाँ राम जी आय ।।
(6)
फैशन के जुग मा लगे,नशा पान के रोग ।
घुरवा जिनगी ला करँय,मदिरा पी के लोग ।।
(7)
कलजुग विष दारू बने, जिनगी बिरथा होय।
तन धन कुछु बाँचय नहीं,मूँड़ धरे तब रोय ।।
(8)
कुसुम अमारी चेंच हे,पटवा अउ बोहार ।
सरसो भाजी निक लगे,चिटिक मही ला डार ।।
(9)
बथुवा भाजी खार के,खाय नहीं पछताय ।
द्रोपति भइया कृष्ण ला,भाजी म हे बनाय ।।
(10)
कांदा भाजी राँध तँय , सुक्खा बोइर डार ।
नून डार कमती सहीं, होवय झन सक्खार ।।
(11)
तिवरा भाजी राँध तँय, भाँटा मा फदकाय।
मिर्चा चटनी पीस दे,मोहन मन ललचाय । ।
(12)
अमली के कुरमा घलो,रहिथे अमसुर स्वाद।
राँध गोंदली संग मा ,होवय झन बरबाद ।।
रचनाकार - मोहनलाल वर्मा
ग्राम अल्दा, पोस्ट - तुलसी मानपुर, तहसील - तिल्दा, जिला -रायपुर
छत्तीसगढ़
वाह वाह सर जी बहुत बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद बड़े भैया जी।
Deleteबहुतेच बढ़िया दोहालरी वर्मा जी।
ReplyDeleteआभार भैया जी।
Deleteवाह मोहन भाई सुघर दोहा वाली
ReplyDeleteप्रणाम ,आभार भैया।
Deleteसुघ्घर दोहा छंद मोहन भाई बधाई।।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद भैया जी।
Deleteसुघ्घर दोहा छंद मोहन भाई बधाई।।
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद भैया।
Deleteलाजवाब भावपूर्ण दोहा बर मोहन लाल जी ला बहुत बहुत हार्दिक शुभकामना।
ReplyDeleteआप सबो के आशीर्वाद अउ मार्गदर्शन के प्रतिफल आय ,गुरुदेव।सादर प्रणाम।आभार।
Deleteसुघ्घर दोहा बर मोहन भाई ल बधाई
ReplyDeleteसादर आभार ,दीदी।
Deleteआदरणीय गुरुदेव के सादर चरण वंदन करत आज 05 सितम्बर सर्वपल्ली डाॅ राधाकृष्णन के जन्म दिवस (शिक्षक दिवस ) के आप सबो ला अंतस ले बधाई अउ शुभकामना।
ReplyDeleteआज के ये शुभ अवसर मा गुरुदेव के आशीर्वाद अउ मार्गदर्शन ले लिखे मोर दोहा छंद,छंद खजाना मा स्थान पाके सार्थक होगे।
गुरुदेव संग प्रोत्साहन बर आप सबो ला सादर आभार,प्रणाम।
बहुत सुग्घर दोहा सर।सादर बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद भैया।
Deleteबहुत सुग्घर दोहा सर।सादर बधाई
ReplyDeleteधन्यवादभैया जी।
Deleteसुघ्घर दोहा भईया जी
ReplyDeleteआभारभैया जी।
Deleteवाहःहः मोहन भाई बहुत सुघ्घर दोहावली
ReplyDeleteआभार दीदी।
Deleteबड़ सुग्घर दोहावली मोहन भैया बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवादभैया जी
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद भैयाजी।
Deleteपरिचय सँग तँय गाँव के, बढ़िया करे बखान।
ReplyDeleteखान पान के संग मा, सुंदर सीख सुजान।।
बहुत सुंदर रचना मोहन भाई....
अब्बड़ अकन बधाई...
आभार,प्रणाम।गुरुदेव गुप्ताजी।
Delete