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Wednesday, September 13, 2017

रूपमाला छन्द - श्री हेमलाल साहू

रूपमाला छन्द - श्री हेमलाल साहू
(1)
मोर माटी मोर दाई, तँय रखै हस नेम।
मोर जिनगी तोर कोरा, हे बसे हर टेम।।
तोर सेवा करवँ दाई, परन करथंव हेम।
मोर जिनगी हवै अरपन, राखबे तँय प्रेम।।

(2)
राख सबसे प्रेम संगी, छोड़ तँय अभिमान।
पेर जाँगर तैं सदा दिन , तोर  बाढ़य शान।
सीख लेवव बने संगी, करव मन मा ध्यान।
मेहनत बिन कोन पाथे, ये जगत मा ज्ञान।

(3)
समय भागे देख पल्ला, रुक कभू नइ पाय।
काल ककरो आय संगी,  ये कहाँ  छेंकाय।
छोड़ चिंता अपन फल के, बने जाँगर पेर।
मेहनत मा भाग्य बनथे, समय के हे फेर।

रचनाकार - श्री हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, छत्तीसगढ़

28 comments:

  1. भाई हेम बहुत सुघ्घर रूपमाला छंद हे
    दिनों दिन अइसने आगे बढ़त रह भाई ।
    बहुत बहुत बधाई

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    1. दीदी अंतस ले आभार
      आप सबके आशीष मोर मा ऊर्जा भरथे।

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  2. हेम भइया सुग्घर छन्द
    वाह्ह्ह्ह्ह्

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    1. दुर्गा भैया सादर धन्यवाद

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  3. वाह्ह हेम भैया,बहुत सुग्घर रूपमाला छंद। बधाई अउ शुभकामना।

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  4. वाह्ह हेम भैया,बहुत सुग्घर रूपमाला छंद। बधाई अउ शुभकामना।

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  5. बहुत सुंदर रूपमाला के सिरजन करे हव हेम भाई।बधाई।

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  6. बहुत सुंदर रूपमाला के सिरजन करे हव हेम भाई।बधाई।

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  7. बहुँत बढ़िया हेम लाल भईया जी

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  8. बहुँत बढ़िया हेम लाल भईया जी

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  9. बहुत ही बढ़िया हेम भाई

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    1. वर्मा भैया सादर धन्यवाद

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  10. बहुत सुग्घर रचना सर।सादर बधाई

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  11. बहुत सुग्घर रचना सर।सादर बधाई

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    1. ज्ञानु भाई सादर धन्यवाद

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  12. सुग्घर सार छ्न्द बर बधाई हेम भाई

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  13. सुग्घर सार छ्न्द बर बधाई हेम भाई

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  14. वाह्ह शानदार रूपमाला।बधाई हेम सर।

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  15. वाह्ह्ह् वाह्ह्ह् बधाई हेम भाई।रूपमाला छन्द के शानदार छटा हे।

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    1. बादल भैया मया दया के संग अंतस ले आभार

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  16. छंद रूपमाला कहौं, निखरे रचना रूप।
    हेमभाइ के प्रेम के,बिखरे भाव अनूप।।

    बहुत बहुत बधाई भाई हेम....

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    1. गुप्ता भैया के हवै, आशीष सदा साथ।
      दाई सारद ज्ञान दे,चरण नवाँव ग माथ।।

      भैया गुप्ता...........दया मया के संग अंतस आभार

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