श्री ज्ञानु दास मानिकपुरी के दोहा
सुआ गीत गावत हवे,सखी सहेली मोर।
पिया बसे परदेश मा,मन ला दे झंझोर।।
सुनके करमा गीत ला,जिनगी मा रस घोल।
धिक धिक मांदर थाप मा,हिरदे जावय डोल।।
गावय सोहर गीत ला,छट्टी बरही ताय।
जनमे नाती बहुरिया,बबा सुनें मुसकाय।।
सोहर मंगल गीत ला,जुरे सहेली गात।
थारी हा बाजा बने,जनमे हे नवजात।।
गाले मन भर ददरिया,निंदत निंदत धान।
गाँठ मया के झन छूटय,रखे रहिबे धियान।।
चरवाहा हे शानियाँ,खुमरी हवे लगाय।
पारे दोहा नाच के,कनिहा ला मटकाय।।
लेवत हे बंडी टुरा,संग जींस के पेन्ट।
करिया चश्मा संगमा,आनी बानी सेन्ट।।
चिरहा बंडी ला पहिर,पागा मूड़ी बाँध।
खेत डहर जावय ददा,बोहे नांगर खाँध।।
का बरषा जाड़ा कभू,का गरमी का धूप।
तन पंछा फेटा गला,हमर इही हे रूप।।
धरती के बेटा हरन,हमला कथे किसान।
खुमरी फेटा साथ हे,हावय हमर मितान।।
रचनाकार - ज्ञानुदास मानिकपुरी
ग्राम-चंदेनी कवर्धा जिला-कबीरधाम
छत्तीसगढ़
सुआ गीत गावत हवे,सखी सहेली मोर।
पिया बसे परदेश मा,मन ला दे झंझोर।।
सुनके करमा गीत ला,जिनगी मा रस घोल।
धिक धिक मांदर थाप मा,हिरदे जावय डोल।।
गावय सोहर गीत ला,छट्टी बरही ताय।
जनमे नाती बहुरिया,बबा सुनें मुसकाय।।
सोहर मंगल गीत ला,जुरे सहेली गात।
थारी हा बाजा बने,जनमे हे नवजात।।
गाले मन भर ददरिया,निंदत निंदत धान।
गाँठ मया के झन छूटय,रखे रहिबे धियान।।
चरवाहा हे शानियाँ,खुमरी हवे लगाय।
पारे दोहा नाच के,कनिहा ला मटकाय।।
लेवत हे बंडी टुरा,संग जींस के पेन्ट।
करिया चश्मा संगमा,आनी बानी सेन्ट।।
चिरहा बंडी ला पहिर,पागा मूड़ी बाँध।
खेत डहर जावय ददा,बोहे नांगर खाँध।।
का बरषा जाड़ा कभू,का गरमी का धूप।
तन पंछा फेटा गला,हमर इही हे रूप।।
धरती के बेटा हरन,हमला कथे किसान।
खुमरी फेटा साथ हे,हावय हमर मितान।।
रचनाकार - ज्ञानुदास मानिकपुरी
ग्राम-चंदेनी कवर्धा जिला-कबीरधाम
छत्तीसगढ़
वाह्ह् ज्ञानू सर बड़ सुग्घर दोहावली बधाई हो
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteछत्तीसगढ़ के पारम्परिक गीत वेशभूषा अउ रहन सहन ला रेखांकित करत शानदार दोहा बर ज्ञानु जी ला बहुत बहुत शुभकामना ।,
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteबहुत सुघ्घर सृजन हे भाई ज्ञानु
ReplyDeleteसादर आभार दीदी
Deleteबहुत सुग्घर दोहावली ज्ञानु भैया। बधाई।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteबड़ सुग्घर दोहालरी ज्ञानु जी।
ReplyDeleteबधाई हे।
सादर धन्यवाद सर
Deleteबहुत सुग्घर दोहावली,ज्ञानु भैया। बधाई।
ReplyDeleteवाह्ह्ह्ह्ह् भइया सुग्घर दोहावली
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाई आपला बधाई
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteसादर धन्यवाद सर
Deleteबधाई ज्ञानु जी।
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteबधाई ज्ञानु जी।
ReplyDeleteसादर आभार गुरुदेव।प्रणाम
ReplyDeleteसादर आभार गुरुदेव।प्रणाम
ReplyDeleteसुंदर दोहा भईया जी
ReplyDeleteसादर धन्यवाद सर
Deleteसादर धन्यवाद सर
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