रोला छंद-सुरेश पैगवार
धधकत छाती मोर, अरे तन हा गुँगुवाथे।
मिले ओर ना छोर, जीव हा डबकत जाथे।।
कँदवा खागे गोड़, कमा के कतका लावौं।
बदन अमागे रोग, कहाँ ले ओखद पावौं।
अरजी हावय मोर, गोठ ला सुनलव भाई।
सरग चढ़त हे भाव, रोक लव दाम दवाई।
तपथे जइसे जेठ, घाम जी अबड़ दुखाथे।
कीमत सुनके आज, हमर तो मुहूँ सुखाथे।।
सबके खाली हाथ,करत हम महिनत कतको।
आय पसीना माथ,भले छइहाँ हे जतको।।
रोटी पानी खोज, गुजर जाथे जिनगानी।
महिनत करथन रोज,जानलव इही कहानी।।
हन ठन ठन गोपाल, भूख मा तन अँइलागे।
गुखरू होगे पाँव, देखलव मन मइलागे।।
नँगा नँगा अधिकार, खात हें नँगत कसाई।
देवँय कोन धियान, बढ़य ना हमर कमाई।।
होबो जभे सुजान, तभे किस्मत हा भाही।
भूख गरीबी छोड़, हमर घर ले जी जाही।।
सच्चा साथी ज्ञान, छोड़ कभ्भू नइ जावै।
पढ़ लिख होय सुजान,भाग ला अपन बनावै।।
सजही जिनगी तोर, ज्ञान अक्षर ला पाके।
छटपट छँइहा छोड़, गुजर जाबे पछता के।।
भारी लूट खसोट, जगत मा अवगुन चारी।
शिक्षा मारय चोट, तभे भागे बीमारी।।
🙏 *सुरेश पैगवार* 🙏
जाँजगीर
धधकत छाती मोर, अरे तन हा गुँगुवाथे।
मिले ओर ना छोर, जीव हा डबकत जाथे।।
कँदवा खागे गोड़, कमा के कतका लावौं।
बदन अमागे रोग, कहाँ ले ओखद पावौं।
अरजी हावय मोर, गोठ ला सुनलव भाई।
सरग चढ़त हे भाव, रोक लव दाम दवाई।
तपथे जइसे जेठ, घाम जी अबड़ दुखाथे।
कीमत सुनके आज, हमर तो मुहूँ सुखाथे।।
सबके खाली हाथ,करत हम महिनत कतको।
आय पसीना माथ,भले छइहाँ हे जतको।।
रोटी पानी खोज, गुजर जाथे जिनगानी।
महिनत करथन रोज,जानलव इही कहानी।।
हन ठन ठन गोपाल, भूख मा तन अँइलागे।
गुखरू होगे पाँव, देखलव मन मइलागे।।
नँगा नँगा अधिकार, खात हें नँगत कसाई।
देवँय कोन धियान, बढ़य ना हमर कमाई।।
होबो जभे सुजान, तभे किस्मत हा भाही।
भूख गरीबी छोड़, हमर घर ले जी जाही।।
सच्चा साथी ज्ञान, छोड़ कभ्भू नइ जावै।
पढ़ लिख होय सुजान,भाग ला अपन बनावै।।
सजही जिनगी तोर, ज्ञान अक्षर ला पाके।
छटपट छँइहा छोड़, गुजर जाबे पछता के।।
भारी लूट खसोट, जगत मा अवगुन चारी।
शिक्षा मारय चोट, तभे भागे बीमारी।।
🙏 *सुरेश पैगवार* 🙏
जाँजगीर
बहुत सुग्घर सर जी बधाई हो
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी
Deleteबहुत शानदार पैगवार जी मजदूर किसान के व्यथा के मार्मिक चित्रण।एक जगह शायद टंकड़ दोष के कारण ओषद ह ओखद होगे है।२चना के सादर बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय
Deleteशानदार पैगवार सर
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी
Deleteवाह वाह आदरणीय पैगवार जी, भावपूर्ण उत्तम सृजन करे बर आप ला बहुत बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद चंद्राकर सर जी
ReplyDeleteआदरणीय गुरुदेव अरुण निगम जी के सादर परनाम साथ म
ReplyDeleteअजय अमृतांसु जी, जितेंद्र कुमार वर्मा जी, सुखदेव सिंह अहिलेश्वर जी अउ कन्हैया साहू "अमित" जी के संगेसंग जम्मो साधक साधिका दीदी भइया मन के सादर आभार
सुरेश पैगवार
जाँजगीर
बहुत बढ़िया है भाई
ReplyDeleteसधन्यवाद दीदी
Deleteबहुत सुग्घर रचना हे भइया जी
ReplyDeleteधन्यवाद मैडम जी
Deleteबड़ सुग्घर सृजन
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी
ReplyDelete