रोला छंद-सुकमोती चौहान
विषय- विज्ञान
ऊपर उड़य जिहाज,उड़य जइसन चिरई हर।
दूसर एक जिहाज,नाप देवय झट सागर।।
नाना आविष्कार,करय ये वैज्ञानिक मन।
भारी करिन विकास,बदल दिन जन जीवन।।
नवा नवा कर खोज,सत्य करथे प्रस्तुत जी।
दरपन कस विज्ञान,दिखाथे सच अद्भुत जी।।
साधन सुख के खोज,करय जिनगी आसानी।
नवा नवा हथियार,खोजथे इन मनमानी।।
दउड़त मोटर कार,धुँआ उगले जी भारी।
कटगे जंगल झाड़,रोय धरती महतारी।।
भूल करय विज्ञान,आय तब विपदा भारी।
गैस केमिकल संग,फैलथे जी बीमारी।।
उन्नति हे इक ओर,त दूसर ओर उदासी।
जीवन बने असान,बनावव नहीं बिलासी।।
दू पटिया के बीच,खड़े हावन सब कोनों।
उगल सकन ना लील,पक्ष अपनाबो दोनों।।
रस बस गिस विज्ञान,हमर जिनगी मा अइसन।
घूरे शक्कर नून,देख पानी मा जइसन।।
जी बो एकर संग,अलग होके मर जाबो।
कर के निक उपयोग,नवा सूरुज हम लाबो।।
सुकमोती चौहान "रुचि"
बिछिया,महासमुन्द,छ.ग.
विषय- विज्ञान
ऊपर उड़य जिहाज,उड़य जइसन चिरई हर।
दूसर एक जिहाज,नाप देवय झट सागर।।
नाना आविष्कार,करय ये वैज्ञानिक मन।
भारी करिन विकास,बदल दिन जन जीवन।।
नवा नवा कर खोज,सत्य करथे प्रस्तुत जी।
दरपन कस विज्ञान,दिखाथे सच अद्भुत जी।।
साधन सुख के खोज,करय जिनगी आसानी।
नवा नवा हथियार,खोजथे इन मनमानी।।
दउड़त मोटर कार,धुँआ उगले जी भारी।
कटगे जंगल झाड़,रोय धरती महतारी।।
भूल करय विज्ञान,आय तब विपदा भारी।
गैस केमिकल संग,फैलथे जी बीमारी।।
उन्नति हे इक ओर,त दूसर ओर उदासी।
जीवन बने असान,बनावव नहीं बिलासी।।
दू पटिया के बीच,खड़े हावन सब कोनों।
उगल सकन ना लील,पक्ष अपनाबो दोनों।।
रस बस गिस विज्ञान,हमर जिनगी मा अइसन।
घूरे शक्कर नून,देख पानी मा जइसन।।
जी बो एकर संग,अलग होके मर जाबो।
कर के निक उपयोग,नवा सूरुज हम लाबो।।
सुकमोती चौहान "रुचि"
बिछिया,महासमुन्द,छ.ग.
बधाई हो दीदी
ReplyDeleteजिनगी हो आसान
ReplyDeleteसुग्घर।
ReplyDeleteसुग्घर सृजन।हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteबढ़िया रोला छंद
ReplyDeleteसुरेश पैगवार
जाँजगीर
बढ़िया रोला छंद
ReplyDeleteसुरेश पैगवार
जाँजगीर