रोला छंद - चित्रा श्रीवास
करव रक्त के दान,फेर सब महिमा गाही
महा पुण्य ये आय,बाँच तो जिनगी जाही ।
ठान सबो लव आज,खून दे जान बचावव
महा दान के मान ,घलौ ला चलौ बढ़ावव ।।
आवँव ककरो काम,मोर तो आदत हावय
नही करँव वो काम,जीव हा पीरा पावय ।
तोर मोर के भाव,छोड़ के करँव भलाई ।
आँँखी आँँसू आय, सुनँव जब दुख ला भाई
पीरा पर के देख,दया मन जेखर आथे
अइसे मनखे आय ,सदा जग पूजे जाथे ।
परहित ला अपनाय ,नाम तो बाढ़त जाये
चारो कोती फेर ,सबो झन महिमा गाये ।
छंदकार - चित्रा श्रीवास
कोरबा छत्तीसगढ़
करव रक्त के दान,फेर सब महिमा गाही
महा पुण्य ये आय,बाँच तो जिनगी जाही ।
ठान सबो लव आज,खून दे जान बचावव
महा दान के मान ,घलौ ला चलौ बढ़ावव ।।
आवँव ककरो काम,मोर तो आदत हावय
नही करँव वो काम,जीव हा पीरा पावय ।
तोर मोर के भाव,छोड़ के करँव भलाई ।
आँँखी आँँसू आय, सुनँव जब दुख ला भाई
पीरा पर के देख,दया मन जेखर आथे
अइसे मनखे आय ,सदा जग पूजे जाथे ।
परहित ला अपनाय ,नाम तो बाढ़त जाये
चारो कोती फेर ,सबो झन महिमा गाये ।
छंदकार - चित्रा श्रीवास
कोरबा छत्तीसगढ़
वाह वाह बहुत सुंदर, संदेश प्रद छंद
ReplyDeleteबहुत सुन्दर दीदी जी
ReplyDeleteहार्दिक बधाई
ReplyDeleteसुग्घर रचना खातिर
बढ़िया रचना दीदी
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रोला
ReplyDeleteबढ़िया संदेश
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