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Wednesday, May 6, 2020

रोला छंद--चोवा राम 'बादल'

रोला छंद--चोवा राम 'बादल'

हे पावन छत्तीसगढ़, सरग कस जानौ एला।
  जिहाँ बिराजे देव, भराथे सुग्घर मेला ।
धन दौलत भरपूर ,बरसथे सुख के सावन ।
महानदी के नीर, अमृत कस हावय पावन।1

 हे गिरौद भंडार, रतनपुर मा महमाई।
 डोंगरगढ़ मा सिद्ध, विराजे माँ बमलाई।
 सिरपुर देखे देव,चलौ जी भाग जगावन।
 भोले भोरमदेव, चढ़ा जल दर्शन पावन।2

 चट ले जरगे जीभ, तभो ले चाय सुहावय।
स्वेटर ओढ़े साल ,जाड़ हा तभो जनावय।
 सबके अपन स्वभाव,पूस के इही कहानी ।
कोयल बोलय मीठ, काग के कर्कश बानी।3

 मेला मेल मिलाप , सगा सोदर सकलाथे।
 संगी मन सों भेंट , तको सुग्घर हो जाथे।
 धन हे हमर रिवाज, बढ़ाथे भाईचारा ।
कतका करवँ बखान, सबो ले हाबय न्यारा।4


पंगत संगत आय ,  बड़े छोटे सब खावँय।
 सबके बाढ़य प्रेम ,सबो झन हाथ बटावँय।
 खड़े खड़े अब खाय, बफे फेंकावत  भोजन।
 अच्छा सब संस्कार , गवाँगे आवव खोजन।5


मन के थाम लगाम ,बुद्धि हा करै सवारी।
 माया के बाजार,भींड़ रइथे गा भारी।
 उघरय नयन विवेक, राह ला ठीक बतावय।
  सबो कुमारग छोड़ ,सुमारग अंतस भावय।6

दस इंद्री मैदान, जिहाँ  चरथे मन छेरी।
 अब्बड़ वो नरियाय, अहम में घेरी बेरी।
 दुनियादारी देख ,दउँड़ के तुरते जाथे।
 कतको एहा खाय, तभो ले कहाँ अघाथे ।7

छंदकार--चोवा राम 'बादल '
   हथबन्द , बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़

12 comments:

  1. बहुत सुग्घर छंद गुरुदेव, बहुत बधाई

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    1. हार्दिक आभार चन्द्राकर जी।

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  2. बधाई हो गुरुदेव,💐💐💐👏👍👌

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  3. बहुत सुग्घर रोला छंद गुरुदेव जी। सादर नमन

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  4. बड़ सुग्घर रोला गुरुदेव, गागर मा सागर समा देव

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  5. बड़ सुग्घर रोला गुरुदेव, गागर मा सागर समा देव

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  6. गज़ब सुग्घर गुरुजी

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  7. वाहहह!वाहह!गुरुजी।अनुपम

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  8. बहुत बढ़िया सृजन आदरणीय

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