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Monday, May 25, 2020

रोला छंद- श्री मोहन लाल वर्मा

रोला छंद- श्री मोहन लाल वर्मा

(1) *मजदूर*
कतको बड़े पहाड़, टोर के सड़क बनाथँव ।
महल-अटारी रोज, घलो मँय हा सिरजाथँव ।
जिनगी के आनंद, मेहनत करके पाथँव ।
कहलाथँव मजदूर, आरती श्रम के गाथँव ।।

(2) *विनती*
विनती हे भगवान, जनम लेके अब आजा।
बढ़गे कलजुग पाप, दरश अपने दिखलाजा ।
कइसे बचही जीव, रात-दिन संसो होथे।
देख जगत के हाल, मोर अंतस बड़ रोथे ।।

(3) *सग्यान बेटा-बेटी*
दरपन मा मुख देख, देख के खुदे लजावँय ।
आगू-पाछू रेंग, रेंग हाँसँय मुसकावँय ।
काम-बुता ला छोड़, सजावँय सपना-पेटी ।
होगे अब सग्यान, समझ जव बेटा-बेटी ।।

बर बिहाव के गोठ, चलय जब घर मा भइया ।
सुनँय सपट दे कान, करँय बड़ हड़बिड़ हइया।
सुतँय नहीं भर नींद, रात मा जागत रहिथें।
करदव मोर बिहाव, बतावव का उन कहिथें ।।

बढ़िया दव संस्कार, सीख अब लइकामन ला।
राखव बने सहेज, अपन कोरा के धन ला।
पिँवरा करदव हाथ, देखके सुग्घर जोड़ी ।
रहि जावय कुल मान, भले हो लागा- बोड़ी ।।

बिगड़त हें औलाद, देखलव सरी जमाना ।
पड़य कभू झन फेर, मूँड़ धरके पछताना ।
मत छोड़व एकाँत , संग मा रहिके जानव।
का हे उँकरे सोच, भावना ला पहिचानव ।।

समय-समय के बात, समय मा नीक सुहाथे ।
आथे जभे बसंत, तभे आमा मउँराथे ।
सोचव आज सियान, बात ला गुनलव-धरलव ।
बाढ़य कुल मरजाद, काम गा अइसन करलव ।।

(4) *मचही हाहाकार*
मास जेठ-बैसाख, घाम हा चट ले जरही ।
कतको जीव पियास, बाट मा लफलफ मरही ।
मचही हाहाकार, बिना पानी के जग मा।
अउ होही विकराल, समस्या आगू पग मा ।।

(5) *अपन बिसाये दुख*
मनखे मन हा आज, करत हावँय नादानी ।
धरती माँ के चीर, करेजा चानी- चानी ।
रुखराई ला काट, गवाँवत हावँय सुख ला।
खुद बर अपने हाथ, बिसावत हावँय दुख ला।।

(6) *मोबाइल उपयोग*
मोबाइल उपयोग, बाढ़गे हावय अड़बड़ ।
कतको होथे सेट, मामला कतको गड़बड़ ।
बिखरत हें परिवार, बाढ़गे खर्चा घर-घर ।
अउ का होही हाल, सोच के देखव छिन भर ।।

(7) *मनोरंजन अउ संदेश*
फिल्मी गा संसार, मनोरंजन करवाथें ।
कतको मनखे देख, सही वोला पतियाथें ।
सबो सीन के अंत, छिपे संदेशा रहिथे ।
सही-गलत पहिचान, करव तुम मोहन कहिथे ।।

छंदकार- मोहन लाल वर्मा
पता- ग्राम-अल्दा, पो.आ.-तुलसी (मानपुर), व्हाया- हिरमी, तहसील - तिल्दा,जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़)पिन-493195
मोबा.9617247078

96 comments:

  1. सुग्घर रोला सर जी

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    1. Bahut sundar rachna Mohan Bhai. Ujjwal bhavisya ki shubhkamna.

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    2. हमार बड़े भैया की जय हो आदरणीय

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  2. गुरुदेव मन के आशीष ले लिखे रोला छंद, छंद खजाना मा स्थान पाके सार्थक होगे।सादर नमन ।

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  3. गुरुदेव मन के आशीष ले लिखे रोला छंद, छंद खजाना मा स्थान पाके सार्थक होगे।सादर नमन ।

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  4. वाह गुरुदेव सुग्घर रचना रोला छंद मा बधाई हो

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  5. एक से बढ़के एक लाजवाब रोला छंद के सृजन करे हव आदरणीय। बधाई

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    1. आप सभी के मया आशीष बर सादर नमन।

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  6. शानदार सृजन गुरूदेव💐💐💐💐💐💐

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  7. शानदान गुरूदेव

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  8. बहुत ही बढ़िया हे भाई

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    1. आप सबो के आशीष ले लिखे रोला छंद लिखे हँव, दीदी जी।सादर प्रणाम ।

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  9. Bahut sundar rachna Mohan Bhai. Ujjwal bhavisya ki shubhkamnaye.bhuneshwar verma

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    1. आपमन के आशीष के फलस्वरूप ही लिखाय हे,भैया जी ।सादर प्रणाम ।

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  10. Bahut sundar rachna Mohan Bhai. Ujjwal bhavisya ki shubhkamnaye.bhuneshwar verma

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    1. अइसने मया बनाय रइहू आदरणीय भैया ।प्रणाम ।

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  11. बहुत सुन्दर सुन्दर विषय म सुन्दर रोला छंद के रचना करे हव गुरुदेव,हार्दिक बधाई,,प्रणाम

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  12. बहुतेच सुघ्घर भइया

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  13. अब्बड़ सुग्घर गुरुदेव बहुत बहुत बधाई 💐💐💐💐🙏

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  14. अब्बड़ सुग्घर रोला छंद म सृजन गुरुदेव ।
    बहुत बहुत बधाई हो ।👌👌🙏🙏🌹🌹🙏🙏

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  15. वाह वाह वाह क्या बात मोहन सर
    हार्दिक बधाई

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  16. सुंदर छंद सियान. भाव सज गे हे बढ़िया।
    गुरुवर के आशीष, पाय हन छत्तिसगढ़िया।।
    जम्मो विषय सुजान, सजाये हौ जी भाई।
    देइन हें वरदान, हमर विद्या के दाई।।

    बहुत बहुत बधाई भाई....
    🌹🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹🌹

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    1. आपमन के आशीष सदा मिलत रहय ,आदरणीय ।सादर प्रणाम ।

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  17. राखव बने सहेज,अपन कोरा के धन ला।
    वाह वाह.... लाजवाब, हार्दिक शुभकामनाएं गुरुदेव।

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  18. बहुत बढ़िया गुरु जी

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  19. वाह वाह आदरणीय वर्मा जी बहुत बढ़िया रोला छन्द

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  20. शानदार, गुरुदेव
    बधाइयाँ

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  21. बड़ सुघ्घर रोला छंद आदरणीय गुरुदेव जी 🙏🙏 सज्ञान बेटी...... चिंतन विषय मा

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  22. बहुत सुग्घर संदेश प्रधान रोला छंद भाई बधाई हो


    सुधा शर्मा

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  23. बहुत सुग्घर रोला छंद

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  24. बहुते सुघ्घर रोला छंद गुरूदेव। घेरी बेरी बधाई।

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  25. गज़ब सुग्घर गुरुजी

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  26. अब्बड़ सुग्घर भावपूर्ण रोला छंद भइया शानदार रचना बधाई 🙏🙏

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    1. मया करे बर सादर धन्यवाद भाई जी ।

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  27. अनुपम रोला छंद।हार्दिक बधाई

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    1. आप गुरुदेव मन के आशीष के सद्परिणाम आय ।सादर प्रणाम ।

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  28. बहुतेच बढ़िया आदरणीय।

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  29. Bahut sundar gurudev.chandkar guru la jai johar.

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  30. आदरणीय अब्बड़ सुघ्घर रचना करे हव, अब्बड़ सुघ्घर लागिच आप मन के रचना ह,💐💐💐🙏🙏🙏

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  31. अनंत बधाई भाई👌👏👍💐💐

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  32. गजब सुघ्घर। विविध विषय मा बेहतरीन रोला छंद वर्मा सर जी

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  33. बहुत सुंदर छंद रचे हव आपमन गुरुदेव, बहुत बधाई

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  34. बहुत बहुत बधाई सर जी घात सुग्घर रचना

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  35. बहुत ही सुन्दर रोला वर्मा सर

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  36. बिगड़त हें औलाद, देखलव सरी जमाना ।
    पड़य कभू झन फेर, मूँड़ धरके पछताना ।
    मत छोड़व एकाँत , संग मा रहिके जानव।
    का हे उँकरे सोच, भावना ला पहिचानव ।।

    वाह वाह वाह वाह
    का गजब भाव हे
    मोहन जी बधाई

    सुरेश पैगवार
    जाँजगीर

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    1. सादर साधुवाद साधुवाद, साधुवाद आदरणीय ।

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  37. रकम रकम के सुग्घर रोला मोहन भाई

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  38. बहुत सुंदर सर जी

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  39. Well done. Lots of congratulations.

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  40. wah............ bahut badhiya rachna sir ji

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  41. बहुत सुग्घर वर्मा जी

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  42. अति सुग्घर रचना आदरणीय जी 💐💐

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  43. Ati sundar likhe ho guru Dev gjab he

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  44. बहुत बढ़िया ����

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  45. Replies
    1. प्रोत्साहन बर हार्दिक आभार, मामा जी।

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