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Wednesday, July 15, 2020

कुंडलियाँ छंद-सूर्यकांत गुप्ता"कांत"

कुंडलियाँ छंद-सूर्यकांत गुप्ता"कांत"

1,करू दवाई


करू दवाई चाब के, खाये सकैं न जान।
ओला सोझे लीलथें, करके रोग निदान।।
करके रोग निदान, करूपन नई जनावय।
गुन ओकर तँय मान,तोर वो रोग भगावय।।
बनिहौ तभे महान, लीलना सीखौ भाई।
असफलता अपमान, मान के करू दवाई।।


2,खऊलत पानी


खउलत  पानी  मा  कभू,  दिखय  न  अपने चित्र।
गुस्सा  मा  जी  ओइसने,  सुध  बुध  खोथन मित्र।।
सुध बुध खोथन मित्र,  हमन  अलहन कर जाथन।
खऊलावत   तन  मन,   ब्यर्थ  काछन  चढ़वाथन।।
काम  क्रोध  मद  लोभ,  बाँध  झन  मन  घानी मा।
दिखय  न  अपने  चित्र,  कभू  खउलत  पानी  मा।


3

जाथन   हम   सब  छोड़  के, भाई  केवल नाव।
काबर  तभो बघारथन,  सेखी मा जी        ताव।।
सेखी मा जी      ताव,   बतावन   हम   फोकट के।
इतरावत  मुँँह  मोड़,  इहाँ   रहिथन   कट  कटके।।
चिटिकुन  लेवन  सोच, काय खोथन अउ पाथन।
जस अपजस भर छोड़, 'कांत'  का लेके जाथन।।


सूर्यकान्त गुप्ता, 'कांत'
सिंधिया नगर दुर्ग(छ.ग.)

17 comments:

  1. वाह वाह बहुत सुग्घर भावपूर्ण सृजन भैया, बधाई

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  2. सादर धन्यवाद भाई श्लेष चंद्राकर जी
    🌹🌹🌹🙏🙏

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  3. वाह भैया जी सुग्घर सृजन बर बधाई ।

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  4. बहुत सुग्घर सर जी

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    1. सादर धन्यवाद निषाद जी
      🌹🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹🌹

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  5. जोरदार भैयाजी

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद भाई ज्ञानु
      🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏

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  6. सादर धन्यवाद भाई...
    👌👏👍👆🙏🌹

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  7. गज़ब सुग्घर बड़े भैयाजी

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  8. बहुत सुघ्घर कुंडलियां छंद लिखे हव भाई जी आप ला बहुत बहुत बधाई हो

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    1. सादर प्रणाम दीदी...🌹🌹🙏🙏सादर धन्यवाद
      दाई शारदा, श्रद्धेय गुरुदेव अरुण निगम जी के कृपा अउ आपमन के आशीर्वाद/दुआ पा के दू चार लाइन लिखे के प्रयास रथे दीदी

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  9. Replies
    1. सादर धन्यवाद भाई इजारदार जी..
      🌹🌹🙏🙏🙏🌹🌹

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  10. बहुत बढ़िया विषय छंद भैया जी

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद बहिनी...
      मया दया धरे रेहे करौ बहिनी
      🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏

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