*अमृत ध्वनि छंद--चोवा राम वर्मा 'बादल'*
*जय हनुमान*
बजरंगी हनुमान के,सुमिरवँ मैं हा नाम।
जेकर हिरदे मा बसे,जगत पिता श्री राम।
जगत पिता श्री, राम सबो के काम बनाथे।
तेकर सेवक ,माँ अँजनी के, लाल कहाथे ।
गदा घुमाथे, विघ्न हटाथे, सबके संगी।
भूत भगाथे ,भगत बँचाथे, वो बजरंगी।
*भारत भुइयाँ*
जेखर चारों खूँट हे, कतको पावन धाम।
धरम धजा फहरत रथे, देवभूमि हे नाम।
देवभूमि हे ,नाम सोन के,सुघर चिरइया।
भारत भुइयाँ, अलख जगइया,लागवँ पँइया।
लाल जवाहर, हवय घरोघर,बेटा शेखर।
सागर परबत, पहरा देथें, निसदिन जेखर ।
*जिम्मेदारी*
जिम्मेदारी छोड़ के,आलस ला झन थाम।
अइसन मनखे के सदा,बिगड़त रहिथे काम।
बिगड़त रहिथे,काम सबो जी,नइ समझय जी।
मन मुरझाथे,मान गँवाथे, दुख अरझय जी।
परे लचारी, घर के नारी,सहिथे भारी।
खुशी मनाथे, जेन उठाथे, जिम्मेदारी।
*आगू बढ़बे*
झनकर अतियाचार तैं, भरे जवानी जोश।
खइता जिनगी तोर जी,खोथच काबर होश।
खोथच काबर, होश राख ले,मीठ बोल ले।
मया बाँट ले,सुमत आँट ले,गाँठ खोल ले।
दू मन आगर,मिहनत तैं कर,सुरता छिनभर ।
पढ़बे लिखबे, आगू बढ़बे,आलस झनकर।
*पद पइसा*
पद पइसा के खेल मा, नाचत हाबय न्याय।
निरपराध फाँसी चढ़य,अपराधी बँच जाय।
अपराधी बँच,जाय घुस के,नोट धराके।
धौंस जमाके, गुंडा लाके,मार खवाके।
पहुँच बताथे, रउँदत जाथे,नेता के कद।
बड़ इँतराथे,जोर लगाथे ,सब पाके पद।
चोवा राम वर्मा 'बादल'
हथबंद, छत्तीसगढ़
बहुत सुन्दर गुरुदेव जी
ReplyDeleteधन्यवाद विनायक जी।
Deleteबहुत सुंदर छन्द गुरुदेव जी
ReplyDeleteधन्यवाद हीरा भाई।
Deleteबहुत ही सुंदर गुरुजी
ReplyDeleteहार्दिक आभार भाई।
Deleteजय हनुमान, जय सियाराम
ReplyDeleteपढ़बे लिखबे, आगू बढ़बे,आलस झनकर।👌🙏
ReplyDeleteवाह् गुरुदेव 👏👏👏🙏💐💐
बहुत सुन्दर भैया जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना गुरुदेव जी
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