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Sunday, September 20, 2020

अमृतध्वनि छंद -आशा आजाद"कृति"

 अमृतध्वनि छंद -आशा आजाद"कृति"


शिक्षा


शिक्षा ता अनमोल हे, करथे नित उद्धार ।

हिरदे बारय जोत ला, अंतस भरथे सार ।

अंतस भरथे- सार अँधेरा, दूर भगावै ।

ज्ञान सबो के, जिनगी ला जी, श्रेष्ठ बनावै ।

आशा कहिथे, गुरु ले लेवौ, सुघ्घर दीक्षा ।

मान दिलाही, श्रेष्ठ बनाही, सबला शिक्षा ।।


ज्ञानी


ज्ञानी निर्मल बोलथे, होय उँखर गुनगान ।

अमरित बगरावै सदा, सुघ्घर बाँटय ज्ञान ।।

सुघ्घर बाँटय- ज्ञान नेक ओ, पथ दिखलावै ।

कठिन डगर ला, अपन ज्ञान ले, सरल बनावै ।

आशा कहिथे, गुरु के रहिथे, सुघ्घर बानी ।

धारण करलौ, सहज वचन जे, बोलय ज्ञानी ।।


पारस होथे बेटी


पारस बेटी ला कहय, एखर ले संसार ।

विश्व धरा के सार हे,बाटय निरमल प्यार ।

बाटय निरमल- प्यार सान हे, घर के कहिथे ।

रिश्ता नाता,सदा निभावै, दुख सब सहिथे ।

विपदा मा जी, बेटी सबला, देवय साहस ।

सदा कहाइस, सदा कहाही, बेटी पारस ।।


छंदकार - आशा आजाद"कृति"

पता - मानिकपुर कोरबा छत्तीसगढ़

11 comments:

  1. बहुत सुंदर छंद, बहुत बधाई

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  2. बहुत बढि़या छंद।बहन बधाई हो आपला

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  3. सुग्घर भाव गर्भित अमृत ध्वनि।हार्दिक बधाई।

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    1. आभार परम श्रद्धेय गुरुदेव🙏🙏

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  4. बहुत ही सुंदर रचना

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  5. बहुते सुघ्घर दीदी

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