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Thursday, September 24, 2020

अमृतध्वनि छंद :- जगदीश "हीरा" साहू

 अमृतध्वनि छंद :- जगदीश "हीरा" साहू


छत्तीसगढ़िया मैं हरँव


छत्तीसगढ़िया मैं हरँव, बोल लगय ना लाज।

हमरे भाखा मा चलय, मंत्रालय के काज।।

मंत्रालय के, काज सबो कर, शान बढ़ावय।

देवय हमला, मान आन ले, ऊँच उठावय।।

सबले सीधा, मन के सच्चा, सबले बढ़िया।

मिलके सबझन, बोलय होथे, छत्तीसगढ़िया।।


झन लूटव हमला सबो, समझ आज कमजोर।

ये दिल के तूफान मा, उड़ा जही घर तोर।।

उड़ा जही घर, तोर सोंच ले, तँय का करबे।

रोवत रहिबे, मोर पाँव ला, आके धरबे।।

तब जाहूँ मैं, लात मार के,  कहय मोर मन।

जे पतरी मा, खाय आज तँय, छेदा कर झन।।


जगदीश "हीरा" साहू (व्याख्याता)

कड़ार (भाटापारा), बलौदाबाजार

5 comments:

  1. बहुत सुन्दर सर जी

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  2. छ्न्द खजाना मा शामिल करे बर धन्यवाद भैया जी,
    नमो नमः

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  3. बहुत सुंदर क्या बात है

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  4. लाजवाब अमृत ध्वनि छंद।हार्दिक बधाई।

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