छन्न पकैया छन्द - जाड़ा (नेमेन्द्र)
छन्न पकैया छन्न पकैया,जाड़ा भारी जाड़ा।
आसो आवत देखत सर्दी,कांपत सबके हाड़ा।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,तात तात सब खावो।
खाके ठंडा भोजन भइया, बाद म झन पछतावो।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,अड़बड़ जाड़ा लागे।
भुर्री बने जलावव भइया, जाड़ा झप ले भागे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,हाथ गोड़ बड़ चटकत।
महू चूहके खेती जइसे,सबके सूरत झटकट।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,बबा घला इतरावै।
हमर जमाना राहय जाड़ा, कहिके वो बतलावै।।
छन्दकार-नेमेन्द्र कुमार गजेन्द्र
हल्दी-गुंडरदेही-बालोद
मोबा-8225912350
छन्न पकैया छन्न पकैया,जाड़ा भारी जाड़ा।
आसो आवत देखत सर्दी,कांपत सबके हाड़ा।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,तात तात सब खावो।
खाके ठंडा भोजन भइया, बाद म झन पछतावो।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,अड़बड़ जाड़ा लागे।
भुर्री बने जलावव भइया, जाड़ा झप ले भागे।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,हाथ गोड़ बड़ चटकत।
महू चूहके खेती जइसे,सबके सूरत झटकट।।
छन्न पकैया छन्न पकैया,बबा घला इतरावै।
हमर जमाना राहय जाड़ा, कहिके वो बतलावै।।
छन्दकार-नेमेन्द्र कुमार गजेन्द्र
हल्दी-गुंडरदेही-बालोद
मोबा-8225912350
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