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Friday, January 3, 2020

मोहन मयारू: *छन्न पकैया छंद :

मोहन मयारू: *छन्न पकैया छंद : -*

छन्न पकैया छन्न पकैया , जुरमिल पेड़ लगाबो ।
परयावरन ल हम सब भइया , आवव सबो बचाबो ।

छन्न पकैया छन्न पकैया , परदूसन हे भारी ।
पेड़ लगावत कोन हवय जी , देखव हे लाचारी ।

छन्न पकैया छन्न पकैया , उजड़त हे रुखराई ।
गाडी घोड़ा रोज चलत हे , बउरे जी सब भाई ।

छन्न पकैया छन्न पकैया , आज सबो हे सोये ।
बाढ़े देखय परदूसन ला , मुड़ धर सब गा रोये ।

छन्न पकैया छन्न पकैया , पानी पेड़ ग लाथे ।
हरियर हरियर खेत खार हा , सबके मनला भाथे ।

 रचनाकार - मयारू मोहन कुमार निषाद
      गाँव - लमती , भाटापारा ,
  जिला - बलौदाबाजार (छ.ग.)

7 comments:

  1. बहुत बढ़िया भाई जी बधाई हो

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  2. बहुत बढ़िया भाई जी बधाई हो

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  3. बहुत बढ़िया भाई जी

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  4. बहुत बढ़िया रचना
    बधाई हो

    महेन्द्र देवांगन माटी

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  5. बहुत-बहुत बधाई मयारू भाई

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  6. सुग्घर रचना भाईजी

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