छन्न पकैया छंद-सुधा शर्मा
(1)
छन्न पकैया छन्न पकैया,खाये मूर्गा भारी।
मत डारे के बेरा आगे,चलो गा संगवारी।
(2)
छन्न पकैया छन्न पकैया,होगे हावे गड़बड़।
सुते हवे इतवारी भैया,पीए दारू अड़बड़।
(3)
छन्न पकैया छन्न पकैया,बने हवे गा गुर्गा।
जागे हावे रतिहा भर जी,बाँटे दारू मूर्गा ।
(4)
छन्न पकैया छन्न पकैया,वोला कोन जगावय।
गारी खाथे अड़बड़ भैया,जेन तीर मा जावय।
(5)
छन्न पकैया छन्न पकैया,तपत पूस के जाड़ा,
हाथ गोड़ हा ठुठरत हावे,कट कट करथे हाड़ा।
(6)
छन्न पकैया छन्न पकैया,तापय काला भुर्री।
झिटका गोरसी सब नँदागे,होगे छर्री दर्री।
(7)
छन्न पकैया छन्न पकैया,नवा बछर गा आही।
रतिहा भर नाचही झूमही,जन जन पार्टी खाहीं।
(8)
छन्न पकैया छन्न पकैया,नवा नवा हे आसा।
सिरजन करलव संगी मन के,निज महतारी भाखा।
(9)
छन्न पकैया छन्न पकैया,आय हवे मोबाइल।
नान्हे बड़का जम्मों धर के,मारत हें इस्टाइल।
(10)
छन्न पकैया छन्न पकैया,कइसे बनय मितानी।
फँसे मया के फाँदा संगी,करे बिगाड़ जवानी।
सुधा शर्मा
राजिम छत्तीसगढ़
जोरदार दीदी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर दीदी जी
ReplyDeleteसुन्दर अकन ले छंद पकाय हव बहिनी। जय हो।
ReplyDelete