Followers

Saturday, January 4, 2020

छन्न पकैया छन्द-जिनगी(नेमेन्द्र)



छन्न पकैया छन्द-जिनगी(नेमेन्द्र)

छन्न पकैया छन्न पकैया,जिनगी रेलम पेला।
भागत कोनो रेल बरोबर,कोनो पेलत ठेला।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,जल्दी जल्दी जागव।
खुंदत लोगन आगू निकले,सरपट सरपट भागव।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,बइठे वो पछतावै।
सोचव रेंगत कछवा कइसे, बाजी मारत जावै।।

छन्न पकैया छन्न पकैया, बात सियानी मानव।
सुते नही कुछु पाबे मनवा,जांगर पीरा जानव।।

छन्न पकैया छन्न पकैया, आलस ला सब छोड़व।
पास फेल के चिन्ता छोड़त,नता करम ले
जोड़व।।

छंदकार-नेमेन्द्र कुमार गजेन्द्र
हल्दी-गुंडरदेही-बालोद
मोबा-8225912350

2 comments:

  1. बहुत सुंदर, लाजवाब सृजन

    ReplyDelete
  2. बहुत सुन्दर रचना भैया जी

    ReplyDelete