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Tuesday, April 19, 2022

उल्लाला छन्द के तीसरा प्रकार*

 *उल्लाला छन्द के तीसरा प्रकार*


*उल्लाला छन्द के तीसरा प्रकार ला उल्लाल - छन्द तको बोले जाथे*।


*विधान*


1. पद के संख्या - 2


2. चरण के संख्या - 4


3. तुकान्तता - *केवल सम-सम चरण मा*


4.यति - 15, 13 मात्रा मा


विषम चरण 15 मात्रा अउ सम चरण 13 मात्रा।


विशेष ध्यान रखे के बात ये हे कि विषम चरण के शुरू मा एक द्विकल आना चाही माने दू मात्रा के शब्द आना चाही, ओकर बाद के 13 मात्रा वइसने विधान मा रही जइसे कि दोहा के 13 मात्रा वाले विषम चरण होथे।


*उदाहरण*


(1)


तँय घुनही घनई बइठ झन, बुड़ो दिही मँझधार मा ।

गुन  बिना  गुरू  पतवार के , कोन उतरही पार मा ।।


(2)


सुन  तीन  लोक के देव मन, जपैं गुरू के नाम ला ।

जब  पावैं  आसिरवाद  तब,  सुरु करैं उन काम ला ।।


उदाहरण मा ध्यान से देखहू त पाहू कि विषम चरण के पहिली के शब्द द्विकल हे। बाकी हिस्सा दोहा के विषम चरण जइसे हे।


(तँय)      (घुनही घनई बइठ झन)


द्विकल       दोहा के विषम चरण


*मात्राबाँट* -


2 + ( 4, 4, 2, 3)

या

2 + ( 3, 3, 2, 2, 3)


*अरुण कुमार निगम*

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