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Tuesday, April 19, 2022

विधान-मुक्ताहारा सवैया

विधान-मुक्ताहारा सवैया


मुक्ताहरा सवैया-8घाव जगण(121×8)


किसान कहे लइका मन ला तुम 

121 ,  12 1, 12 1,   121, 1

नाँगरिहा बन अन्न उगाव

21, 12 1,121,   121


उदाहरण-


किसान कहे लइका मन ला तुम नाँगरिहा बन अन्न उगाव।

इहाँ अपने मन बीच बसो झन गाँव तियाग विलायत जाव।

मसीन बरोबर लोग उहाँ न दया न मया न नता न लगाव।

सबो सुख साधन हे इहिचे धन दौलत देख नहीं पगलाव। 


 अरुण कुमार निगम जी


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