विधान-मुक्ताहारा सवैया
मुक्ताहरा सवैया-8घाव जगण(121×8)
किसान कहे लइका मन ला तुम
121 , 12 1, 12 1, 121, 1
नाँगरिहा बन अन्न उगाव
21, 12 1,121, 121
उदाहरण-
किसान कहे लइका मन ला तुम नाँगरिहा बन अन्न उगाव।
इहाँ अपने मन बीच बसो झन गाँव तियाग विलायत जाव।
मसीन बरोबर लोग उहाँ न दया न मया न नता न लगाव।
सबो सुख साधन हे इहिचे धन दौलत देख नहीं पगलाव।
अरुण कुमार निगम जी
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