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Tuesday, April 19, 2022

विधान-रूप घनाक्षरी

 विधान-रूप घनाक्षरी


विधान - 8, 8, 8, 8 वर्ण मा यति

अंत मा गुरु-लघु 


*उदाहरण*


*गाँधी के गोठ*

 (रूप घनाक्षरी)

(8,8,8,8 अंत गुरु, लघु)


गाँधी जी के गोठ ला भुलावौ झन भैया हो रे

हाथ के कूटे-पीसे चाँउर-दार आटा खाव

ठेलहा बेरा मा रोज चरखा चलाव अउ

खादी बुन पहिनत अउर ओढ़त जाव ।

गाँव-गोड़ा छोंड़ के सहर जाके बसौ झन

गाँव के खेती-बारी उद्योग-धन्धा पनपाव

एक माई के पिलवा साहीं रहो सब झन

सहकारिता मा तुम सुखी सब ला बनाव ।।

 जनकवि कोदूराम "दलित" जी*

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