*छप्पय छन्द-विधान*
डाँड़ (पद) - 6,
चरण – 12,
पहिली 4 डाँड़ रोला अउ बाद के 2 डाँड़ उल्लाला होथे. माने छप्पय छन्द हर 1 रोला अउ 1 उल्लाला ला मिला के बनाये जाथे.
तुकांत के नियम – पहिली 4 डाँड़ रोला हे त रोला के नियम लागू होही , आखरी 2 डाँड़ उल्लाला हे त उल्लाला के नियम लागू होही
हर डाँड़ मा कुल मात्रा – रोला मा 24 मात्रा अउ उल्लाला मा 26 या 28 मात्रा
(13, 13 वाले उल्लाला रहे मा अंत मे 26 मात्रा रही। अउ 15, 13 मात्रा वाले उल्लाला रहे मा अंत मे 28 मात्रा रही)
यति / बाधा – रोला अउ उल्लाला के नियम अनुसार
*उदाहरण*
*बिदेसी बाबू (छप्पय छन्द)*
बिसराये ब्यौहार , पहिर अँगरेजी चोला।
महतारी अउ बाप , नजर नइ आवै तोला ।
जाये बर परदेस , तियागे कुटुम - कबीला ।
बन सुविधा के दास , करे बिरथा जिनगी ला ।
का पाबे परदेस ले , नाता - रिस्ता जोड़ के ।
असली सुख इहिंचे मिलै , झन जा घर ला छोड़ के ।।
अरुण कुमार निगम
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