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Tuesday, April 19, 2022

विधान,-*मत्तगयंद सवैया*

 विधान,-*मत्तगयंद सवैया*

उदाहरण-


होय हवै मनखे कइसे समझे नइ काबर झूठ लबारी।

दानव हे बनके बइठे इतरावत हावय देखव भारी।

देख दशा बिगड़े बिगड़े अब रोवत हे धरती महतारी।

कोन लगावय पार इहाँ अब हे मनमोहन कृष्ण मुरारी।


विधान-7 भगण +गुरु+गुरु

211×7+(22)


होय हवै मनखे कइसे सम 

211   211  211  211

झै नइ काबर झूठ लबारी

211    211  211(22)


येला माताली सवैया घला कहिथे।

 श्री अरुण कुमार निगम

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