विधान,-*मत्तगयंद सवैया*
उदाहरण-
होय हवै मनखे कइसे समझे नइ काबर झूठ लबारी।
दानव हे बनके बइठे इतरावत हावय देखव भारी।
देख दशा बिगड़े बिगड़े अब रोवत हे धरती महतारी।
कोन लगावय पार इहाँ अब हे मनमोहन कृष्ण मुरारी।
विधान-7 भगण +गुरु+गुरु
211×7+(22)
होय हवै मनखे कइसे सम
211 211 211 211
झै नइ काबर झूठ लबारी
211 211 211(22)
येला माताली सवैया घला कहिथे।
श्री अरुण कुमार निगम
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