विधान-छन्न पकैया छंद
येहर सार छन्द के एक किसिम हे. येमा “छन्न पकैया- छन्न पकैया” एक टेक बरोबर सुरु मा आथे. माने हर छन्द के पहिली विषम चरण के शुरुवात “छन्न पकैया- छन्न पकैया” ले होथे। बाकी सब नियम सार छन्द के लागू होथे.
*उदाहरण*
सियानी गोठ (छन्न पकैया)
छन्न पकैया छन्न पकैया , सुन भइया बैसाखू
केन्सर साहीं लाय बिमारी , माखुर अऊ गुड़ाखू |
छन्न पकैया छन्न पकैया, तन-घर लूटै दारू
तहूँ छोड़ दे पीना-पाना , छोड़ दिहिस बुधवारू |
छन्न पकैया छन्न पकैया, मानौ गोठ सियानी
नसा नास के कारन होथे, कहैं डाकटर ग्यानी |
छन्न पकैया छन्न पकैया, शौचालय बनवावौ
खेत-खार अउ सड़क तीर मा, लोटा धर झन जावौ ||
छन्न पकैया छन्न पकैया,बीमारी दुखदाई
परन करौ घर गाँव गली मा, रखबो हमन सफाई ||
छन्न पकैया छन्न पकैया, इस्कुल हम बनवाबो
नान-नान लइका ला ओमा, भरती हम करवाबो ||
छन्न पकैया छन्न पकैया, खोलौ बैंक म खाता
काम न आवै बिपत काल मा, भइया कोन्हों नाता ||
छन्न पकैया छन्न पकैया, पानी सबो बचावौ
वाटर-हार्वेस्टिंग के टंकी, घर-घर मा खनवावौ ||
छन्न पकैया छन्न पकैया, जंगल हे जिनगानी
जिहाँ झाड़ जंगल हे ज्यादा, उहुँचे बरसै पानी ||
*अरुण कुमार निगम*
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