*आज एक नवा छन्द*
*रोला छन्द-विधान*
डाँड़ (पद) - 4, चरण - 8
तुकांत के नियम - दू-दू डाँड़ के आखिर मा माने सम-सम चरण मा, 1 गुरु या 2 लघु आवै.
हर डाँड़ मा कुल मात्रा – 24 ,
यति / बाधा – विषम चरण मा 11 मात्रा के बाद अउ सम चरण मा 13 मात्रा के बाद यति सबले बढ़िया माने जाथे, रोला के डाँड़ मा 12 गुरु घलो माने गे हे ते पाय के 12 मात्रा या 12 ले ज्यादा मात्रा मा घलो यति हो सकथे. एकर बर कोन्हों विशेष नियम नइ हे.
खास- डाँड़ मन के आखिर मा 1 गुरु या 2 लघु आना चाहिए।
*उदाहरण* -
*मतवार (रोला छन्द)*
पछतावै मतवार , पुनस्तर होवै ढिल्ला
भुगतै घर परिवार , सँगेसँग माई-पिल्ला ।
पइसा खइता होय, मिलै दुख झउहा-झउहाँ
किरिया खा के आज , छोड़ दे दारू-मउहाँ ।।
* अरुण कुमार निगम*
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