विधान-वाम सवैया-
विधान-(7जगण)+(1यगण)
(121×7)+(122)
किसान उठावय नाँगर ला अउ
121 , 121, 121 , 121, 1
जोतय खेत बिना सुसताए
21, 121, 121, 122
उदाहरण-
किसान उठावय नाँगर ला अउ जोतय खेत बिना सुसताए।
कभू बिजरावय घाम कभू अँगरा बरसे तन खून सुखाए।
तभो नइ मानय हार सदा करमा धुन गा मन मा मुसकाए।
असाढ़ घिरे बदरा करिया बरखा बरसे हर पीर भुलाए।
अरुण कुमार निगम
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