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Friday, April 22, 2022

मनहरण घनाक्षरी- बजरंगबली

 मनहरण घनाक्षरी

बजरंगी हनुमान,संकट करे निदान,

देख के शक्ति उँकर,सब थरराय जी।

राम बसे कण कण, पावन सुग्घर मन,

सिया राम छाती मा तो,चीर के दिखाय जी।।

लक्ष्मण ला लगे शक्ति,जागिस हावय भक्ति,

तुरते उड़े तँय हा,संजीवनी लाय जी।

काज करे उपकारी,बजरंगी बलिहारी,

दुष्ट दलन ला सब,मार के भगाय जी।।

विजेंद्र वर्मा

नगरगाँव (धरसीवाँ)

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