जस गीत
तोर मुसकी ढ़ारत रूप ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।
नैनन मा मोर बसगे ओ मैंया ह्दय मा मोर बसगे।
तोर मुसकी ढ़ारत रूप ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।
हीरा जड़े तोर माथ मटुकिया,लाली बिंदिया सोहे।
चंदा सुरूज तोर नैना माता भक्तन के मन मोहे।
तोर कजरा तीर कमान ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।।
तोर मुसकी ढ़ारत रूप----
कभू सोनहा हार गले में कभू मूड़ी के माला।
हाथ मा तिरसुल धरे ओ मैंया कभू फरसा भाला।
दुष्टन के करे संहार ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।।
तोर मुसकी ढ़ारत रूप----
छुनुर छुनुर तोर पैरी बाजे बाजे खनखन कंकना।
तोर पाँव के तीर में माता मीरा"के हे रहना।
मोर नैया लगादे पार ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।।
तोर मुसकी ढ़ारत रूप---
पानी पवन अऊ पत्ता माता तोर कृपा ले ड़ोले।
बघवा नाचे पाके इशारा तोता मैना बोले।
तोर महिमा अगम अपार मैंया नैनन मा मोर बसगे।।
तोर मुसकी ढ़ारत रूप ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।
नैनन मा मोर बसगे ओ मैंया ह्दय मा मोर बसगे
तोर मुसकी ढ़ारत रूप---'
केवरा यदु"मीरा"राजिम
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