Followers

Sunday, April 10, 2022

जस गीत

 जस गीत 

तोर  मुसकी ढ़ारत रूप ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।

नैनन मा मोर बसगे ओ मैंया ह्दय मा मोर बसगे।

तोर मुसकी ढ़ारत रूप ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।


हीरा जड़े तोर माथ मटुकिया,लाली बिंदिया सोहे।

चंदा सुरूज तोर नैना माता भक्तन के मन मोहे।

तोर कजरा तीर कमान ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।।

तोर मुसकी ढ़ारत रूप----


कभू सोनहा हार गले में कभू मूड़ी के माला।

हाथ मा तिरसुल धरे ओ मैंया कभू फरसा भाला। 

दुष्टन के करे संहार ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।।

तोर मुसकी ढ़ारत रूप----


छुनुर छुनुर तोर पैरी बाजे बाजे खनखन कंकना।

तोर पाँव के तीर में माता मीरा"के हे रहना।

मोर नैया लगादे पार ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।।

तोर मुसकी ढ़ारत  रूप---


पानी पवन अऊ पत्ता माता तोर कृपा ले ड़ोले।

बघवा नाचे पाके इशारा तोता मैना बोले।

तोर महिमा अगम अपार मैंया नैनन मा मोर बसगे।।


तोर मुसकी ढ़ारत रूप ओ मैंया नैनन मा मोर बसगे।

नैनन मा मोर बसगे ओ मैंया ह्दय मा मोर बसगे 

तोर मुसकी ढ़ारत  रूप---'


केवरा यदु"मीरा"राजिम

No comments:

Post a Comment