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Tuesday, April 19, 2022

वार्णिक छंद - ~~~~~~~~~~~~

 वार्णिक छंद - 

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*अभी तक आप मन जउन जउन छन्द के अभ्यास करे हव, ओमन सब मात्रिक छन्द कहे जाथें।  अब हम वार्णिक छन्द के अंतर्गत सवैया के अभ्यास करबो। मात्रिक छन्द मा मात्रा के गणना करे जाथे।वइसने वार्णिक छन्द मा वर्ण के गिनती करे जाथे*


राम के मात्रा गुरु + लघु 

           माने   2  + 1 

कुल 3 मात्रा हे। 


राम के वर्ण  रा + म

          माने  1 +  1

कुल 2 वर्ण हे।


माने वार्णिक छन्द मा वर्ण या अक्षर के गिनती होथे। 


आवारा के मात्रा 6 गिने जाही फेर आवारा मा 3 वर्ण गिने जाही। माने 3 अक्षर के शब्द ।


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

 *गण के पाठ*


सवैया सीखे के पहिली हमन ला गण के पाठ पढ़ना पढ़ही। आज के पाठ मा जानव कि गण का होथे ?


3 अक्षर के शब्द मा लघु अउ गुरु मात्रा लगाना हे त कतिक प्रकार से लगाए जा सकथे ? 

एखर उत्तर हे 8 प्रकार । अब देखव ये 8 प्रकार कइसे होही। 

(1) लघु, लघु, लघु माने 1, 1, 1

(2) गुरु, गुरु, गुरु  माने  2, 2 2

(3) लघु, लघु, गुरु माने 1, 1, 2

(4) लघु, गुरु, लघु माने 1, 2, 1

(5) लघु, गुरु, गुरु  माने 1, 2, 2

(6) गुरु, लघु, गुरु  माने  2, 1, 2

(7) गुरु, गुरु, लघु  माने  2, 2, 1

(8) गुरु, लघु, लघु  माने 2, 1, 1


3 अक्षर वाला कोनो शब्द मा लघु, गुरु मात्रा के प्रयोग करके ऊपर के 8 के अलावा कोनो 9 वां प्रकार बन सकथे का ? कोशिश करके देखव। 🙏

ये 8 प्रकार के गण के नाम अउ मात्रा के क्रम याद रखे बर एक सूत्र बनिस हे, शायद आप मन हाई स्कूल के जमाना मा हिंदी विषय मे पढ़े होहू। सूत्र अइसन हे - 

*यमाताराजभानसलगा*


ये सूत्र मा कुल 10 अक्षर हें। पहिली के 8 अक्षर मा गण के नाम बनथे। 

य -  यगण 

मा - मगण 

ता - तगण 

रा -  रगण 

ज - जगण 

भा - भगण

न  -  नगण

स - सगण

ये 8 प्रकार के गण के नाम होगे। अंतिम दू अक्षर *लगा* हें।

ल के मतलब - लघु, अउ

गा के मतलब - गुरु होथे। 


सूत्र के हर अक्षर के मात्रा देखव - 


यमाताराजभानसलगा

 12 2 2 1 2 11 12


जउन गण के मात्रा जानना हे ओखर अक्षर ला लेके लगातार तीन अक्षर के मात्रा मा लघु, गुरु के क्रम देखव। संबंधित गण के मात्राक्रम मिल जाही।


यगण के मात्रा - य ला पहिली अक्षर गिनव। एखर बाद के दू अक्षर अउ लेवव। 

यमाता 1,2,2 


माने जब एक लघु के बाद दू गुरु आही ओला यगण कहे जाही। 


अब अगर ये जानना हे कि रगण के मात्रा कइसे होही, तब र ले गिनती शुरू करव। 

राजभा   2, 1, 2 माने गुरु, लघु, गुरु जहाँ आही, वोहर रगण कहे जाही। 


दोहा के अभ्यास मा आप सुने रहेव कि कोनो चरण के शुरुवात जगण से नइ होना चाही। अब ये सूत्र मा देखव कि जगण के मात्राक्रम का रही - 

जभान माने 1, 2, 1 माने लघु, गुरु, लघु के मात्राक्रम जहाँ आही वोहर जगण कहे जाही। 


सगण का होथे ? ये जाने बर *स* ला पहला अक्षर गिनव अउ एखर बाद के दू अक्षर अउ लेवव। 


सलगा माने 1, 1, 2 माने लघु, लघु, गुरु के मात्राक्रम जिहाँ आही उहाँ सगण होही। 


*ये सूत्र ला कॉपी मा नोट करके तब तक रटव, जब तक ये कंठस्थ न हो जाय*


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

 *अभ्यास*


पाठ ला पढ़े अउ सूत्र ला रटे के बाद निम्नांकित शब्द मन के मात्राक्रम लिख के गण के नाम लिखव। 


*उदाहरण* 

बियासी   122   यगण


अभ्यास बर शब्द - 

रतन, व्यापारी, कलगी, सुपारी, लगान, पाताल, गोरसी, सावन


उत्तर लिखे बर हड़बड़ी नइ करना हे। पाठ ला आराम से पढ़व । सूत्र ला समझव ओखर बाद उत्तर लिखव।

🙏🙏🙏🙏🙏


 अरुण कुमार निगम 

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