आज हम नवा छन्द *उल्लाला छन्द* सीखबो। उल्लाला छन्द के तीन प्रकार होथे।
आज पहिली प्रकार के जानकारी दे जात हे।
जइसे दोहा छन्द मा 13, 11 यति के दू डाँड़ (पद) अउ चार चार होथे।सम-सम चरण मा तुकान्तता रखे जाथे वइसने उल्लाला छ्न्द मा घलो दो डाँड़ (पद) अउ चार चरण होथे। सम-सम चरण मा तुकान्तता रखे जाथे, ये छन्द मा यति 13,13 मा रखे जाथे।
*माने हर चरण मा 13 मात्रा*
एखर हर चरण मा दोहा के 13 मात्रा वाले विषम चरण के नियम लागू होथे।
उदाहरण -
उल्लाला – (१३,१३मा यति, सम-सम तुकांत)
(1)
दुख के पाछू सुख हवे, गोठ सियानी मान ले ।
बिरथा नइ जाये कभू , संत गुरू के ग्यान ले ।।
(2)
गुरू बड़े भगवान ले , हरि दरसन करवाय जी ।
गुरू साधना मा जरै , अउ अँजोर बगराय जी ।।
* अरुण कुमार निगम*
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