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Tuesday, April 19, 2022

विधान-शंकर छन्द (१६,१०)*

 


*विधान-शंकर छन्द (१६,१०)*


डाँड़ (पद) - 4, ,चरण - 8  


तुकांत के नियम - दू-दू डाँड़ के आखिर मा माने सम-सम चरण मा, गुरु-लघु (2-1)


हर डाँड़ मा कुल मात्रा – 26 , विषम चरण मा मात्रा – 16, सम चरण मा मात्रा- 10 


यति / बाधा – 16, 10 मात्रा मा 


*उदाहरण*


*बिदेसी चाल-चलन (शंकर छन्द)* 


(1)

देख बिदेसी चाल-चलन ला, अँधमँधाये प्रान ।

हमर देस के परम्परा के, कोन करही मान ।।

छोड़-छाँड़ के रिस्ता-नाता, जायँ दूसर देस ।

सीधा-सादा पहिनावा तज, तुरत बदलैं भेस।।


(2)

खेत बेंच के खूब पढ़ाइन, कलबलावै जीव ।

दाई-ददा पेज बर तरसैं, पूत पीवै घीव ।।

अरे सुवारथ बर तोड़े हस, तँय मया के डोर ।

अपन मनन ला करे पराया, कोन होही तोर ।।


 अरुण कुमार निगम 

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