*विधान-शंकर छन्द (१६,१०)*
डाँड़ (पद) - 4, ,चरण - 8
तुकांत के नियम - दू-दू डाँड़ के आखिर मा माने सम-सम चरण मा, गुरु-लघु (2-1)
हर डाँड़ मा कुल मात्रा – 26 , विषम चरण मा मात्रा – 16, सम चरण मा मात्रा- 10
यति / बाधा – 16, 10 मात्रा मा
*उदाहरण*
*बिदेसी चाल-चलन (शंकर छन्द)*
(1)
देख बिदेसी चाल-चलन ला, अँधमँधाये प्रान ।
हमर देस के परम्परा के, कोन करही मान ।।
छोड़-छाँड़ के रिस्ता-नाता, जायँ दूसर देस ।
सीधा-सादा पहिनावा तज, तुरत बदलैं भेस।।
(2)
खेत बेंच के खूब पढ़ाइन, कलबलावै जीव ।
दाई-ददा पेज बर तरसैं, पूत पीवै घीव ।।
अरे सुवारथ बर तोड़े हस, तँय मया के डोर ।
अपन मनन ला करे पराया, कोन होही तोर ।।
अरुण कुमार निगम
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